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Bharat Taxi की शुरुआत: सस्ता किराया और ड्राइवरों को पूरी कमाई का बड़ा फायदा

नई दिल्ली: Bharat Taxi Cab Service: दिल्ली और गुजरात की सड़कों पर एक नई हलचल देखने को मिल रही है. यह हलचल किसी आम ऐप की नहीं, बल्कि कैब ड्राइवरों के सपनों को एक नई उड़ान देने वाली सेवा की है, जिसका नाम है ‘भारत टैक्सी’. सहकारिता की सोच से निकली यह नई सर्विस न सिर्फ ओला-उबर जैसी निजी कैब कंपनियों को चुनौती देने आई है, बल्कि पहली बार देश के ड्राइवरों को ‘मालिकाना हक’ का अहसास भी दिला रही है.

दरअसल, देश की राजधानी दिल्ली और गुजरात के सौराष्ट्र में भारत टैक्सी सर्विस की सॉफ्ट लॉन्चिंग की गई है. यह सेवा सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव के तहत शुरू हुई है, जिसे दुनिया का पहला ऐसा नेशनल मोबिलिटी कोऑपरेटिव बताया जा रहा है जो पूरी तरह ड्राइवरों के हक की बात करता है. इस कदम के साथ बीटा कंज्यूमर ट्रायल शुरू किया जा चुका है.
51 हजार से अधिक ड्राइवर जुड़े

भारत टैक्सी को दुनिया के सबसे बड़े ड्राइवर-ओन्ड नेटवर्क के रूप में पेश किया जा रहा है. दिल्ली और गुजरात में कार, ऑटो और बाइक तीनों कैटेगरी मिलाकर 51,000 से अधिक ड्राइवर प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर हो चुके हैं. हालांकि अभी ये सहकारी कैब सर्विस पूरे देश में लागू नहीं हुई है, लेकिन इससे पहले ही भारत टैक्सी अब दुनिया का सबसे बड़ा ड्राइवर-ओन्ड मोबिलिटी कलेक्टिव बनकर उभरा है.

ऐप हुआ लाइव, जल्द आएगा iOS वर्जन

भारत टैक्सी मोबाइल ऐप फिलहाल गूगल प्ले स्टोर पर ट्रायल और फीडबैक के लिए उपलब्ध है. कोऑपरेटिव का कहना है कि ऐप का iOS वर्ज़न भी जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. फिलहाल दिल्ली और गुजरात में के लिए इसका ट्रायल शुरू किया गया है और ग्राहकों से इस ऐप को अच्छी प्रतिक्रिया मिल रही है. गूगल प्लेस्टोर पर इसका मोबाइल ऐप भारत टैक्सी ड्राइवर (Bharat Taxi) के नाम से प्रदर्शित हो रहा है. यहां ध्यान रखें कि, वही ऐप डाउनलोड करें जो सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड द्वारा जारी किया गया है.

दिल्ली मेट्रो के साथ इंटीग्रेशन

भारत टैक्सी ऐप की खासियत ये है कि, इसका दिल्ली मेट्रो से इंटीग्रेशन किया गया है. इससे यूज़र एक ही ऐप में अपनी पूरी यात्रा प्लान कर सकते हैं. कोऑपरेटिव के बयान के मुताबिक, यह सुविधा मल्टी-मोडल ट्रांसपोर्ट को बेहद आसान बना देगी और यूज़र एक क्लिक में मेट्रो व कैब दोनों की बुकिंग कर सकेंगे.

ड्राइवरों को पूरा भुगतान

भारत टैक्सी का मुख्य उद्देश्य ग्राहकों को कम कीमत में राइड की सुविधा प्रदान करने के साथ-साथ कैब ड्राइवरों को उनकी मेहनत की पूरी रकम उपलब्ध कराना है. सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव के अनुसार, इस प्लेटफॉर्म पर ड्राइवरों को ग्राहकों द्वारा किया गया पूरा भुगतान मिलेगा. इसके साथ ही उन्हें संगठन के बोर्ड में प्रतिनिधित्व और शेयर पर डिविडेंड भी दिया जाएगा. यह मॉडल ड्राइवरों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है.

‘नो कमीशन’ मॉडल, ड्राइवर नहीं सारथी

भारत टैक्सी की एक खासियत यह है कि यहां किसी तरह का कमीशन नहीं लिया जाएगा. ड्राइवरों को सिर्फ एक सदस्यता शुल्क देना होगा, जो दैनिक, साप्ताहिक या मासिक हो सकता है. इस तरह, हर यात्रा की पूरी कमाई ड्राइवर की जेब में जाएगी. सरकार का मानना है कि इससे लाखों ड्राइवरों को आर्थिक मजबूती मिलेगी और उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा. इस सर्विस से जुड़ने वाले वाहन चालकों को ड्राइवर नहीं बल्कि ‘सारथी’ कहा जाएगा.

दिल्ली पुलिस के साथ साझेदारी

राइडर्स और ड्राइवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कोऑपरेटिव ने दिल्ली पुलिस के साथ साझेदारी की है. इससे कैब राइडिं का अनुभव अधिक सुरक्षित और विश्वसनीय होने की उम्मीद है.

ओला-उबर वाले ड्राइवर भी होंगे हिस्सेदार

मीडिया रिपोर्ट में इस मामले की जानकारी रखने वाले एक सूत्र के हवाले से बताया गया है कि, ऐप में इन-एप कस्टमर सपोर्ट उपलब्ध होगा, जैसा कि अन्य राइड-हेलिंग ऐप्स में मिलता है. उन्होंने यह भी बताया कि प्लेटफॉर्म पर वे ड्राइवर भी मौजूद होंगे जो पहले से ओला, उबर या रैपिडो से जुड़े हैं. अधिक कमाई की संभावना उन्हें भारत टैक्सी की ओर आकर्षित करेगी.

‘किसी धन्नासेठ के पास नहीं जाएगा मुनाफा’

कुछ महीने पहले सहकार टैक्सी कोऑपरेटिव लिमिटेड का रजिस्ट्रेशन मल्टी-स्टेट कोऑपरेटिव सोसायटीज़ एक्ट के तहत किया गया था. इसकी अधिकृत शेयर पूंजी 300 करोड़ रुपये रखी गई है. गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने इसी साल मार्च में लोकसभा में सहकारी कैब सर्विस को शुरू करने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि, “जल्द ही ओला और उबर जैसा एक सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म आने वाला है. उन्होंने कहा कि इस सहकारी टैक्सी प्लेटफॉर्म से होने वाला मुनाफा किसी धन्नासेठ के पास नहीं जाएगा. ये मुनाफा टैक्सी ड्राइवर के पास जाएगा.”

नहीं चलेगी निजी कंपनियों की मनमानी

बता दें कि, भारत टैक्सी सेवा एक तरह से ओला, उबर जैसी निजी कैब सर्विसेज कंपनियों की मनमानी का जवाब भी है. क्योंकि ये प्राइवेट राइड हेलिंग कंपनियां किसी भी वक्त अपने किराए में बढ़ोत्तरी कर देती हैं. हाल ही में सरकार की तरफ से इन्हें इस बात की भी मंजूरी मिल गई है कि, पीक ऑवर्स (व्यस्त समय में) में ये कंपनियां ग्राहकों से दोगुना फेयर भी वसूल सकती हैं. ऐसे में भारत टैक्सी ग्राहकों को एक किफायती राइड प्रदान करेगा.

वहीं दूसरी ओर निजी कैब कंपनियों पर समय-समय पर ड्राइवरों से कमिशन के नाम पर मोटी रकम वसूलने का भी आरोप लगता रहा है. जिससे कई बार कैब ड्राइवरों को आर्थिक संकट से जूझना पड़ता है. लेकिन भारत टैक्सी नो कमिशन मॉडल पर चलेगा तो इससे ड्राइवरों के हक का पैसा सीधे उनके खाते में पहुंचेगा.

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