अफगान से सैनिकों की वापसी पर बाइडेन को आई दिवंगत बेटे की याद
न्यूयार्क: अफगानिस्तान से अमेरिका के सैनिकों की वापसी के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बुधवार को देश को संबोधित किया और अफगानिस्तान मिशन को सफल करार दिया। जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा मिशन कामयाब रहा। इस दौरान बाइडेन ने दिवंगत बेटे को याद किया, जो कभी इराक में तैनात थे। जो बाइडेन ने कहा कि शायद मैंने अपने दिवंगत बेटे ब्यू बाइडेन के लिए भी अफगानिस्तान में जंग खत्म करने का फैसला लिया हो। अपने संबोधन के दौरान जो बाइडेन ने अपने बेटे ब्यू बाइडेन को याद किया, जिन्होंने पूरे एक साल इराक में सेवा की थी और उन्होंने कहा था कि वह युद्ध को रोकने के लिए प्रतिबद्ध हैं। बता दें कि 2015 में ब्रेन कैंसर की वजह से 46 साल की उम्र में ब्यू बाइडेन का निधन हो गया था।
बाइडेन ने बेटे को याद कर कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि पर्याप्त लोग समझते हैं कि हमने इस देश के 1 प्रतिशत लोगों से कितना मांगा है, जिन्होंने वह वर्दी पहन रखी है, जो हमारे देश की रक्षा में अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार हैं। शायद मैंने अपने दिवंगत बेटे ब्यू बाइडेन के लिए भी अफगानिस्तान में जंग खत्म करने का फैसला लिया हो। हां, शायद यह इसलिए भी है क्योंकि मैंने वर्षों से सीनेटर, उपाध्यक्ष और राष्ट्रपति के रूप में इन देशों की यात्रा करते हुए जंग के हालातों को देखा है।’
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि अफगानिस्तान में हमारा मिशन कामयाब रहा। साथ ही उन्होंने आतंकवाद से लड़ाई जारी रखने की बात एक बार फिर से दोहराई। बाइडेन ने कहा कि हम अफगानिस्तान समेत दुनिया भर में आतंक के खिलाफ लड़ाई लड़ते रहेंगे। मगर अब किसी देश में आर्मी बेस नहीं बनाएंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे यकीन है अफगानिस्तान से सेना बुलाने का फैसला, सबसे सही, सबसे बुद्धिमानीपूर्ण और बेस्ट है। अफगानिस्तान में युद्ध अब खत्म हो चुका है। मैं अमेरिका का चौथा राष्ट्रपति था, जो इस सवाल का सामना कर रहा था कि इस युद्ध को कैसे खत्म किया जाएगा। मैंने अमेरिकी लोगों से कमिटमेंट किया था कि यह युद्ध खत्म करुंगा और मैंने अपने फैसले का सम्मान किया।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने इस दौरान कहा कि वह इस फैसले की पूरी जिम्मेदारी लेते हैं। कुछ लोगों का कहना था कि हमें यह मिशन और जल्दी शुरू करना चाहिए था। लेकिन पूरे सम्मान के साथ मैं उनसे अपनी अहसहमति जाहिर करता हूं। अगर यह और पहले से शुरू किया गया होता तो सिविल वॉर में तब्दील हो जाता। वैसे भी कहीं से लोगों को निकालने में कुछ चुनौतियों का सामना तो करना ही पड़ता है। उन्होंने लोगों को अफगान से निकालने की प्रक्रिया के सफलतापूर्वक पूरे होने का क्रेडिट आर्मी को दिया। उन्होंने कहा कि यह संभव हो सकता क्योंकि सेना ने अदम्य साहस का परिचय दिया। इसके अलावा बाइडेन ने एक बार फिर से अफगान से सेना हटाने के अपने फैसले को सही किया। उन्होंने कहा कि वह आगे अफगानिस्तान की मदद करते रहेंगे। लेकिन यह आतंकवाद और हिंसा की कीमत पर नहीं होगा।