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गुजरात में कांग्रेस को बड़ा झटका, जयराज सिंह परमार ने 37 साल बाद छोड़ी पार्टी, भाजपा में हो सकते हैं शामिल

गांधीनगर। कांग्रेस पार्टी की 37 साल सेवा करने के बाद गुजरात कांग्रेस के पूर्व प्रवक्ता और वरिष्ठ नेता जयराज सिंह परमार ने गुरुवार को पार्टी छोड़ दी। सूत्रों ने कहा कि संभावना है कि वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं। जयराज सिंह परमार ने कहा, “मैं बहुत भारी मन और दुख के साथ पार्टी छोड़ रहा हूं। मैंने कांग्रेस पार्टी में 37 साल सेवा की है, लेकिन राज्य में नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं देखने के बाद और वह भी 27 साल तक सत्ता से बाहर रहने के बाद कोई बदलाव नहीं होने पर, मैंने तय किया कि अब बहुत हो गया।”

परमार का इस्तीफा पार्टी के मुख्य प्रवक्ता के पद से हटाए जाने के तीन दिन बाद आया है। पार्टी ने पुंजा वंश और वीरजी थुम्मर को गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) का नया मुख्य प्रवक्ता नियुक्त किया है और यह बदलाव जयराज सिंह परमार और मनीष दोशी की जगह इसके प्रभारी रघु शर्मा की ओर से पेश किए गए प्रस्ताव के अनुसार हुआ है।

परमार का इस्तीफा एकदम किसी आश्चर्य के रूप में नहीं आया है, क्योंकि उन्होंने बुधवार को एक ट्वीट करते हुए कहा था, “मां बहुचर के आशीर्वाद से मेहसाणा में बहुचाराजी से एक नई शुरूआत हुई है। कबीले का क्या होगा, इसकी किसी को चिंता नहीं है, सरदार (प्रमुख) कौन होगा, इस पर सबकी लड़ाई है।” उनके इस ट्वीट से ही गुजरात कांग्रेस में खलबली मच गई थी।उनके ट्वीट के कुछ ही घंटों बाद, मेहसाणा के तीन वरिष्ठ कांग्रेस नेता राज्य महासचिव प्रदीप सिंह वाघेला की उपस्थिति में भाजपा में शामिल हो गए। मेहसाणा जिला कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राजेंद्र सिंह दरबार, बेचाराजी तालुका कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वघुभा जडेजा, बेचाराजी तालुका पंचायत के पूर्व अध्यक्ष रानुभा जाला और जशुभाई प्रजापति ने बुधवार को भगवा पार्टी का दामन थाम लिया।

बुधवार को मेहसाणा कांग्रेस के करीब 150 कार्यकर्ता और नेता भी भाजपा में शामिल हो गए। परमार ने कहा, दो दशक से अधिक समय से सत्ता से बाहर होने के बाद भी वही पुराना नेतृत्व शीर्ष पर है। यही नेतृत्व, जो जीतने में असमर्थ है, पार्टी को चुनाव जीतना सिखा रहा है। और आलाकमान इसी के साथ बना हुआ है। मैंने इसे कई बार व्यक्त करने की कोशिश की, लेकिन इसे कभी नहीं सुना गया। उन्होंने गुरुवार को अपने ट्विटर अकाउंट पर कहा, “37 साल के संघर्ष के बाद, आपका भाई थक गया है, खुद से नहीं, बल्कि उन नेताओं के निष्क्रिय रवैये से थक गया है, जो लड़ना नहीं चाहते हैं। और ये नेता, पार्टी कार्यकर्ता की वफादारी, बलिदान, सेवा की कीमत पर ऐसा करते हैं। साथ ही नेतृत्व जमीनी हकीकत को समझना ही नहीं चाहता।”

परमार के भाजपा में शामिल होने की अटकलें तेज हैं और सूत्रों के मुताबिक उनके शनिवार को शामिल होने की संभावना है। परमार ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर पार्टी से दूरी बना ली थी। इस बीच, भाजपा के कई नेताओं ने परमार के फैसले का स्वागत किया है।

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