कोलकाता: पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव पहले ही हिंसा के साए में हो रहे हैं और हिंसा करने के अधिकतर आरोप सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर लग रहे हैं। हालाँकि, यह अलग बात है कि, TMC हमेशा की तरह इन आरोपों को ख़ारिज करती रही है। इसी बीच पंचायत चुनाव में इंडियन सेक्यूलर फ्रंट (ISF) के नेता नौशाद सिद्दिकी को बड़ा झटका लगा है. दरअसल, नामांकन दाखिल करने के बावजूद भांगड़ के 82 ISF उम्मीदवारों के पंचायत चुनाव में उतरने पर रोक लग गई है. कलकत्ता उच्च न्यायालय ने मंगलवार (4 जुलाई) को यह आदेश जारी किया. कलकत्ता हाई कोर्ट की जस्टिस अमृता सिंह की सिंगल बेंच ने चुनाव आयोग को इन प्रत्याशियों को पहले चुनाव लड़ने की इजाजत देने का निर्देश दिया था, किन्तु मंगलवार को हाईकोर्ट की खंडपीठ ने न्यायमूर्ति सिंह के आदेश पर रोक लगा दी.
भांगड़ के इन 82 पंचायत चुनाव के उम्मीदवारों ने सोमवार को हाई कोर्ट में मामला दाखिल कर पंचायत चुनाव लड़ने का अवसर मांगा था. इन सभी ने पंचायत चुनाव के लिए अपना नामांकन भरा था, मगर राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट से इनका नाम अचानक हटा दिया गया. सोमवार के मामले में जस्टिस सिंह ने आयोग को 48 घंटे के अंदर शिकायत पर गौर करने का निर्देश दिया था. साथ ही जज ने कहा था कि यदि ISF प्रत्याशियों के आरोप सही हैं तो आयोग को उन्हें भी चुनाव में हिस्सा लेने का अवसर प्रदान करना चाहिए. इन प्रत्याशियों ने यह कहते हुए हाई कोर्ट की खंडपीठ का दरवाजा खटखटाया कि आयोग ने उस निर्देश के बाद भी कोई एक्शन नहीं लिया. मंगलवार को यह मामला न्यायाधीश देबांशु बसाक और न्यायाधीश राय चट्टोपाध्याय की खंडपीठ के सामने आया. खंडपीठ ने न्यायमूर्ति सिंह की सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगा दी.
आज यानी मंगलवारर को खंडपीठ ने अपने आदेश में कहा कि ये 82 ISF प्रत्याशी अब चुनाव में हिस्सा नहीं ले सकते. नामांकन जमा करने पर सिंगल बेंच द्वारा जारी आदेश फिलहाल स्थगित रहेंगे. इस मामले की 15 दिन बाद मामले की दोबारा सुनवाई होगी. इसलिए ये प्रत्याशी फिलहाल पंचायत चुनाव नहीं लड़ पाएंगे. बंगाल में आठ जुलाई को पंचायत चुनाव के लिए वोटिंग होनी है. बता दें कि ISF प्रत्याशियों की तरह, भांगड़ के 19 CPM उम्मीदवारों ने भी शिकायत की थी कि नामांकन दाखिल करने के बाद उनका नाम आयोग की वेबसाइट से हटा दिया गया था. उस मामले में भी, जस्टिस सिंन्हा ने 19 CPM उम्मीदवारों को फिर से चुनाव लड़ने का आदेश दिया था. जब आयोग उस आदेश को चुनौती देने के लिए हाई कोर्ट की खंडपीठ के पास गया, तो उन्होंने जस्टिस सिंह के आदेश को खारिज कर दिया. दूसरी तरफ, भांगड़ MLA और ISF नेता नौशाद सिद्दिकी का एक मामला भी सोमवार को उच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया.