पाकिस्तान को बड़ा झटका, चीन ने तालिबान सरकार को दी मान्यता, विशेषज्ञों ने दिखाई चिंता
इंटरनैशनल डैस्क: चीन ने अफगानिस्तान में तालिबानी सरकार को मानयता देने का एक बड़ा कदम उठाया है, जिससे पाकिस्तान की चिंता बढ़ गई है। चीनी विदेश मंत्रालय के स्पोक्समैन वांग वेनबिन ने मंगलवार को एक मीडिया ब्रीफिंग में यह घोषणा की कि वे अफगान सरकार को मान्यता देते हैं और उसे अपने यहां राजनयिक रखने की मान्यता भी देते है। इससे पहले अभी तक किसी भी देश ने तालिबान सरकार को आधिकारिक रूप से मान्यता नहीं दी थी। चीन के इस कदम से जुड़े विशेषज्ञों के अनुसार, यह एक बड़ा राजनीतिक बदलाव है और इससे पाकिस्तान को भी चुनौती हो सकती है।
पाकिस्तान ने हाल ही में तालिबान सरकार के कामकाज से आपत्ति जताई और तालिबान के साथ बड़े परिसंबंधों की मजबूती का समर्थन किया था। चीन की यह क्रमबद्धता इसे एक ऐतिहासिक संबंध बना देती है, खासकर जब इस समय पाकिस्तान के साथ चीन के संबंध तेजी से बढ़ रहे हैं। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने कहा, “चीन का मानना है कि अफगानिस्तान को अंतरराष्ट्रीय समुदाय से बाहर नहीं किया जाना चाहिए।” उन्होंने यह भी जताया कि चीन उम्मीद करता है कि अफगानिस्तान एक खुली और समावेशी राजनीतिक संरचना बनाएगा और सभी प्रकार की आतंकवादी ताकतों का दृढ़ता से मुकाबला करेगा।
बता दें कि अगस्त 2021 में अफगानिस्तान में युद्ध के दौरान अमेरिकी सैनिकों ने वहां से वापसी कर ली थी जिसके बाद तालिबान ने हमला कर अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था। इस समय, जब तालिबान सरकार के खिलाफ आलोचना हो रही है, चीन की इस हालत को विशेषज्ञों ने एक राजनीतिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण माना है और इसे एक बड़े बदलाव की ओर कदम बढ़ाने के रूप में देखा है।
उस समय महिलाओं और लड़कियों के साथ गलत व्यवहार पर तालिबानी प्रशासन की वैश्विक रूप से काफी आलोचना थी। अफगानिस्तान में महिलाओं को शैक्षणिक संस्थानों से भी हटा दिया गया था। लेकिन उस वक़्त भी बीजिंग ने तालिबान के अंतरिम प्रशासन के साथ निकट संपर्क बनाए रखा था। हालांकि, उनकी आधिकारिक मान्यता को रोक दीया गया थी।
तालिबानी सरकार दोस्ती का हाथ बढ़ाएगी
चीन के इस कदम के बारे में बात करते हुए वांग ने कहा, हमें उम्मीद है कि अफगानिस्तान अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षाओं पर आगे भी अच्छी प्रतिक्रिया देगा। सभी प्रकार की आतंकवादी ताकतों का दृढ़ता से मुकाबला करेगा। पड़ोसियों देशों और अन्य देशों की तरफ दोस्ती का हाथ बढ़ाएगा।
चीन की कूटनीतिक मान्यता तब सामने आई जब बीजिंग के सहयोगी और अच्छे दोस्त माने जाने वाले पाकिस्तान को तालिबानी सरकार के कामकाज से आपत्ति होने लगी थी। दरअसल, पाकिस्तान में बार-बार होने वाले आतंकवादी हमलों के लिए तालिबान को दोषी ठहरा रहा है और अफगानिस्तान से संचालित इस्लामी आतंकवादी समूहों पर कड़ी कार्रवाई नहीं करने के आरोप लगा रहा है। यहीं नहीं, पाकिस्तान यह आरोप भी लगा रहा है कि तालिबानी सरकार इस मामले में एक्शन नहीं ले रही है। इसी वजह से नाराज पाकिस्तान ने सालों से देश में रह रहे हजारों अफगान शरणार्थियों को पाकिस्तान की सरद से निकलने का आदेश दिया है।