कोलकाता: पंजाब और दिल्ली के बाद केंद्र सरकार ने 26 जनवरी 2024 को नई दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड के लिए पंश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया है। इस बार पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रस्तावित झांकी का विषय ‘कन्याश्री प्रकल्प’ परियोजना था, जो लड़कियों को स्कूल छोड़ने से रोकने के लिए एक वित्तीय सहायता योजना है और उन्हें हाई स्टडी के लिए प्रोत्साहित करती है, जो सीएम ममता बनर्जी की एक पसंदीदा परियोजना है।
सत्तारूढ़ दल के नेताओं का मानना है कि प्रस्तावित झांकी को केंद्र सरकार ने जानबूझकर खारिज कर दिया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि राज्य सरकार की इस ‘अनूठी बालिका-बाल विकास परियोजना’ की सफलता की कहानियों को व्यापक प्रचार न मिले।
राज्य की महिला एवं बाल विकास और समाज कल्याण मंत्री शशि पांजा ने कहा, ”यदि इस झांकी को अस्वीकार नहीं किया गया होता, तो महिला-विकास में मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पश्चिम बंगाल सरकार का वैज्ञानिक विजन सुर्खियों में आ गया होता और उस प्रक्रिया में उसी क्षेत्र में केंद्र सरकार की विफलताएं सामने आ गई होतीं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ‘कन्याश्री प्रकल्प’ को केंद्र सरकार द्वारा मान्यता नहीं दी गई थी। हालांकि, इसे संयुक्त राष्ट्र सहित अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली है।”
तृणमूल कांग्रेस के नेताओं के अनुसार, परियोजना को अनुमति देने का मतलब अप्रत्यक्ष स्वीकृति होगी कि केंद्र सरकार की ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ परियोजना वास्तव में पश्चिम बंगाल सरकार की ‘कन्याश्री प्रकल्प’ परियोजना से प्रेरित थी।
सूत्रों ने बताया कि यह पहली बार नहीं है कि गणतंत्र दिवस परेड के लिए पश्चिम बंगाल की ओर से प्रस्तावित झांकी को खारिज कर दिया गया है। इससे पहले 2020 और 2022 में भी पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से प्रस्तावित झांकियों को खारिज करने के मामले सामने आए थे। इस वर्ष जो झांकियां दिखाई जाएंगी उनमें पंजाब, दिल्ली और पश्चिम बंगाल की झांकी शामिल नहीं होगी।