नईदिल्ली : राकेश टिकैत ने 20 मार्च को दिल्ली बड़ी महापंचायत का ऐलान किया है. राकेश टिकैत ने कहा पूरे देश में पंचायतें होंगी. ये विचारक क्रांति है और हर जगह ऐसे ही महापंचायत होगी. जिस तरह से कर्जा बढ़ाने की बात हुई है और फसल के दाम न देने की बात कही है वो किसानों की जमीने छीनने का बड़ा प्लान है. इसे बचाने के लिए आंदोलन जरूरी है.
एसकेएम ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट लागू करने, कर्ज माफी, लखीमपुर मामले में केंद्रीय मंत्री को पद से हटाने, किसान आंदोलन के दौरान किसानों से किए वादे पूरे करने सहित एमएसपी को लागू करने की मांग रखी है। पिछले महीने मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में भी दिल्ली मार्च में अधिक से अधिक लोगों को शामिल कराने का आह्वान किया गया था।
दिल्ली कूच के लिए किसान संगठनों की तैयारी देखकर वेस्ट यूपी से दिल्ली तक एक बार फिर कयास लगने लगे हैं कि क्या दिल्ली एक बार फिर अखाड़ा बनेगा? क्या गाजीपुर बार्डर फिर से जाम हो सकता है?
हालांकि तीन साल पहले गठित लगभग 40 किसान यूनियनों के संयुक्त किसान मोर्चा ने अभी तक यह नहीं बताया है कि यह आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा या नहीं? ऐसे में अभी यह स्पष्ट नहीं कि किसान दिल्ली मार्च कर अपने-अपने घरों को लौट जाएंगे या फिर एक बार फिर बार्डर पर डेरा जमा लेंगे। कुरुक्षेत्र की बैठक के बाद एसकेएम ने अपने बयान में कहा था, “हमने 20 मार्च से आंदोलन फिर से शुरू करने का फैसला किया है क्योंकि देश भर से लाखों किसान 20 मार्च को दिल्ली पहुंचेंगे ताकि सभी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी और कर्ज माफी सहित लंबित मांगों को लेकर आंदोलन फिर से शुरू किया जा सके।”
एसकेएम नेता युद्धवीर सिंह ने कहा था कि मोर्चा ने 11 दिसंबर 2021 को अपना आंदोलन स्थगित कर दिया था और किसानों ने कहा था कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे फिर से आंदोलन शुरू करेंगे।
उन्होंने कहा था, “हमने अभी तय नहीं किया है कि आंदोलन अनिश्चितकालीन होगा या नहीं, लेकिन 20 मार्च को सभी राज्यों के किसान पहुंचेंगे और बैठक के बाद अगला फैसला लिया जाएगा।” उन्होंने कहा कि प्रमुख मांगों में किसानों के लिए पूर्ण ऋण माफी, एमएसपी की गारंटी, बिजली (संशोधन) विधेयक 2022 को वापस लेना, आंदोलन के दौरान मारे गए किसानों के परिवारों को मुआवजा देना शामिल है। उन्होंने यह भी जोड़ा था कि, “सरकार यदि हमारी मांगों को स्वीकार नहीं करेगी तो हम आंदोलन को फिर से शुरू करने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं छोड़ेंगे।”
इस बीच मेरठ में शुक्रवार की महापंचायत के लिए किसानों ने गुरुवार से ही डेरा डालना शुरू कर दिया था। राकेश टिकैत भी गुरुवार की रात को ही कमिश्नरी पार्क पर पहुंचे थे। उन्होंने शुक्रवार सुबह होने वाली पंचायत की तैयारियों को परखा। चौधरी चरण सिंह पार्क को पूरे पांडाल से ढंक दिया गया है। हर तरफ भारतीय किसान यूनियन के झंडे लहरा रहे हैं। उधर, प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से कमिश्नरी चौराहा से जुड़ने वाले सभी मार्गों पर बैरिकेडिंग कर दी है।
पुलिस ने कमिश्नरी चौराहे पर किसानों की महापंचायत को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने रूट डायवर्जन जारी कर दिया है। यह सुबह नौ बजे से लाग है और जब तक पंचायत चलेगी, यह जारी रहेगा। तीन स्थानों पर वाहनों को बैरियर लगाकर रोका जा रहा है। कमिश्नरी चौराहे पर सिर्फ रैली में शामिल होने आए लोगों के वाहनों की एंट्री कराई जा रही है। टिकैट परिवार को बम से उड़ाने की धमकी के मद्देनज़र गुरुवार रात से कमिश्नरी चौराहे को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है।
बता दें कि भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश टिकैत के पुत्र गौरव टिकैत को मोबाइल फोन पर परिवार को बम से उड़ाने की धमकी मिली है। आरोपी ने तीन बार फोन कर धमकी दी। बताया जा रहा है कि फोन पर परिवार को किसान आंदोलन से अलग होने की चेतावनी दी गई है। भौराकलां थाना पुलिस ने रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
किसान संगठन देश भर के किसानों से 20 मार्च के दिल्ली कूच में शामिल होने का आह्वान कर रहे हैं। पिछले दिनों राकेश टिकैत ने कहा था कि पूरे देश का किसान एक है। किसान फसलों और जातियों में खुद के नहीं बांटे। उन्होंने किसान अधिकारों के लिए एक बड़ी लड़ाई की जरूरत बताई और कहा कि किसान किसी के बहकावे में नहीं आए। एकजुट होकर इस लड़ाई में पूरी तरह सहयोग करे।