मेडिकल की पढ़ाई करने वाले छात्रों के लिए बड़ी खुशखबरी, फिलिपींस ने दी बड़ी राहत
नई दिल्ली: फिलीपीन ने हाल ही में कुछ विधायी संशोधन किए हैं, जिसके परिणामस्वरूप वहां जाकर चिकित्सा की पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों को लाभ होगा और ऐसे छात्रों की संख्या में 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि होने की संभावना है। एक विदेशी शिक्षा सलाहकार ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। फिलीपीन की ओर से कानून में संशोधन करने से विदेशी छात्रों के लिए ‘डॉक्टर ऑफ मेडिसिन’ की डिग्री हासिल करने के बाद स्थानीय स्तर पर ‘प्रैक्टिस’ करना आसान हो जाएगा।
‘ट्रांसवर्ल्ड एजुकेयर’ के निदेशक एवं किंग्स इंटरनेशनल मेडिकल अकादमी के अध्यक्ष कैडविन पिल्लई ने कहा, ‘‘यह संशोधन न केवल भारतीय छात्रों के लिए बल्कि फिलीपीन में पढ़ने वाले सभी विदेशी मेडिकल छात्रों के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। यह हमारे स्नातकों को स्थानीय या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘प्रैक्टिस’ करने के लिए एक स्पष्ट मार्ग प्रदान करता है। यह परिवर्तन एशिया-प्रशांत क्षेत्र में चिकित्सा शिक्षा के लिए अग्रणी गंतव्य के रूप में फिलीपीन की स्थिति को मजबूत करेगा। ” इस कदम से भारत में चिकित्सा की ‘प्रैक्टिस’ करने का लक्ष्य रखने वाले छात्रों को भी लाभ होगा क्योंकि यह राष्ट्रीय चिकित्सा परिषद (एनएमसी) के नियम के अनुरूप है जो विदेश से पढ़ाई के बाद स्वदेश लौटने पर भारतीय स्क्रीनिंग टेस्ट में उपस्थित होने के लिए वैध लाइसेंस रखने को अनिवार्य बनाता है।
कैडविन पिल्लई ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि हर साल लगभग दो हजार भारतीय छात्र मेडिकल की पढ़ाई के लिए फिलीपीन जाते हैं, जिसमें 25-30 प्रतिशत की बढ़ोतरी की उम्मीद है, क्योंकि देश प्रतिस्पर्धी लागत पर उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्रदान करता है, जिसमें ट्यूशन फीस पश्चिमी देशों की तुलना में काफी कम है।