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Indian Railway का बड़ा प्लान: अगले 5 साल में दोगुनी होगी ट्रेनों की क्षमता, यात्रियों को मिलेगी वेटिंग लिस्ट से आजादी

नई दिल्ली: देश में रेल यात्रियों की संख्या में लगातार हो रही बढ़ोतरी को देखते हुए भारतीय रेलवे ने एक महत्वाकांक्षी योजना तैयार की है। रेलवे ने अगले पांच वर्षों में देश के प्रमुख शहरों से चलने वाली ट्रेनों की संचालन क्षमता को मौजूदा स्तर से दोगुना करने का लक्ष्य तय किया है। इस योजना के तहत वर्ष 2030 तक रेलवे के बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर अपग्रेड किया जाएगा।

रेल मंत्रालय के अनुसार, बढ़ती यात्री मांग को सुचारु रूप से संभालने के लिए कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार, नए टर्मिनलों का निर्माण और ट्रैक व सिग्नलिंग क्षमता में सुधार किया जाएगा। मौजूदा टर्मिनलों पर अतिरिक्त प्लेटफॉर्म, स्टेबलिंग लाइन, पिट लाइन और शंटिंग सुविधाओं के विकास पर भी जोर दिया जाएगा।

टर्मिनलों के साथ आसपास के स्टेशनों पर भी फोकस
रेलवे की योजना केवल मुख्य टर्मिनलों तक सीमित नहीं है। इसके तहत प्रमुख शहरों के आसपास के स्टेशनों की क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। उदाहरण के तौर पर पुणे के साथ हड़पसर, खड़की और आलंदी जैसे स्टेशनों को भी इस परियोजना में शामिल किया गया है। रेलवे उपनगरीय और गैर-उपनगरीय यातायात की अलग-अलग जरूरतों को ध्यान में रखते हुए योजनाओं को लागू करेगा।

48 बड़े शहरों में होगा चरणबद्ध विकास
इस व्यापक योजना में देश के 48 प्रमुख शहरों को शामिल किया गया है, जिनमें दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, पटना, लखनऊ, पुणे, नागपुर, वाराणसी, कानपुर, जयपुर, भोपाल, इंदौर, कोच्चि, भुवनेश्वर, विशाखापत्तनम, विजयवाड़ा, गुवाहाटी, रांची और रायपुर जैसे शहर शामिल हैं। रेलवे की इस योजना को तीन चरणों तत्काल, अल्पकालिक और दीर्घकालिक में विभाजित किया गया है। प्रत्येक चरण के लिए स्पष्ट समयसीमा और परिणाम तय किए जाएंगे ताकि यात्रियों को जल्द से जल्द राहत मिल सके।

रेल मंत्री का बयान
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि बढ़ती यात्री मांग और भीड़ की समस्या को कम करने के लिए रेलवे विभिन्न शहरों में कोचिंग टर्मिनलों का विस्तार कर रहा है और परिचालन क्षमता को मजबूत बना रहा है। उन्होंने कहा कि इससे रेलवे नेटवर्क का आधुनिकीकरण होगा और देशभर में रेल कनेक्टिविटी को नई मजबूती मिलेगी।

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