मनी लॉन्ड्रिंग मामले में CM हेमंत सोरेन को HC से बड़ी राहत, निजी तौर पर पेशी से मिली छूट
रांची : ईडी द्वारा दर्ज समन उल्लंघन मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत मिली है. स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने सोरेन को 4 दिसंबर को पेश होने का निर्देश दिया था. निचली अदालत के आदेश के खिलाफ सोरेन हाई कोर्ट गए थे. हाई कोर्ट ने रांची एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी है.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) द्वारा दायर शिकायत मामले में व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट के लिए दायर याचिका को रांची एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने खारिज कर दिया और उन्हें अदालत में पेश होने का निर्देश दिया था.
एमपी-एमएलए कोर्ट के आदेश के खिलाफ मुख्यमंत्री ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर आज (4 दिसंबर) दोपहर हाई कोर्ट के जज जस्टिस अनिल कुमार चौधरी की अदालत में सुनवाई हुई. सीएम हेमंत सोरेन की ओर से वकील पीयूष चित्रेश, दीपांकर रॉय और श्रेय मिश्रा ने बहस की. कोर्ट ने इस मामले की अगली सुनवाई के लिए 16 दिसंबर की तारीख तय की है.
दरअसल, सोरेन को रांची के बरगई सर्कल में 8.86 एकड़ भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में 10 समन भेजे गए थे. ईडी ने फरवरी 2024 में हेमंत सोरेन द्वारा एजेंसियों के समन की अवज्ञा करने पर सीजेएम कोर्ट में मामला दर्ज किया था. कोर्ट ने 4 मार्च को धारा 174 के तहत संज्ञान लिया. बाद में 5 जून को मामला पीएमएलए कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया गया. व्यक्तिगत उपस्थिति से छूट की हेमंत सोरेन की याचिका 26 नवंबर 2024 को ही खारिज हो चुकी है.
ईडी ने शुरू में सीजेएम के यहां शिकायत दर्ज कराई थी कि हेमंत सोरेन ने एजेंसी के समन को नजरअंदाज किया और टाल दिया. भूमि घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए सोरेन को कम से कम 10 समन जारी किए गए थे. लेकिन 8 मौकों पर उन्होंने समन का जवाब नहीं दिया, जिससे समन की अवज्ञा हुई. समन के उल्लंघन के लिए पीएमएलए अधिनियम की धारा 63 और आईपीसी की धारा 174 के तहत शिकायत दर्ज की गई थी. समन 14 अगस्त 2023 से 31 जनवरी 2024 के बीच दिए गए.