नई दिल्ली. कोरोना और रूस-यूक्रेन जंग (Russia-Ukraine War) की वजह से भारत लौटे अंडर ग्रेजुएट मेडिकल स्टूडेंट्स (Medical Students) को, नेशनल मेडिकल कमीशन (NMC) और सरकार ने अब बड़ी राहत दी है। दरअसल अब ऐसे स्टूडेंट्स जिनका कोर्स या ग्रेजुएशन 30 जून या उसके पहले पूरा हो रहा था, वो फॉरेन मेडिकल ग्रेजुएट एग्जाम (FMG) में अब शामिल हो सकेंगे।
हालाँकि इन स्टूडेंट्स को 2 साल के कम्पलसरी रोटेटिंग मेडिकल यानी CRMI में हिस्सा लेना होगा। इसके बाद ही वो अपनी क्लीनिकल ट्रेनिंग कर सकेंगे। कारण है कि कोरोना और रूस-यूक्रेन जंग के चलते वो अपना यह कोर्स फॉरेन इंस्टीट्यूट में पूरा नहीं कर सके हैं।
पता हो कि केंद्रीय स्वास्थ्य राज्यमंत्री डॉ.भारती प्रवीण पवार ने बीते मंगलवार को राज्यसभा में कहा था कि भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम-1956 और राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम-2019 के तहत विदेश में पढ़ाई करने वाले किसी मेडिकल छात्र को फिलहाल देश के कॉलेजों में एडजस्ट नहीं किया जा सकता। इसलिए, यूक्रेन से लौटे किसी भी भारतीय छात्र को देश के शिक्षण संस्थानों में पढ़ने की अब तक कोई भी अनुमति नहीं दी गई है।
उन्होंने यह भी बताया था कि विदेश मंत्रालय से प्राप्त जानकारी के अनुसार, कीव में भारतीय दूतावास ने छात्रों को आसानी से प्रतिलेख और अन्य दस्तावेज उपलब्ध कराने के लिए यूक्रेन में सभी संबंधित विश्वविद्यालयों के साथ भी जरुरी संपर्क किया गया है। वहीं उनका कहना था कि, केंद्र सरकार ऐसे सभी छात्रों की हरसंभव सहायता के लिए हमेशा से ही प्रतिबद्ध रही है।