बैंकों का बड़ा कदम, अब इन लोगों की Home Loan EMI हो सकती है कम

नई दिल्ली : अक्टूबर 2025 में देश के कई प्रमुख बैंकों ने अपने ग्राहकों को बड़ी राहत दी है. बैंक ऑफ बड़ौदा (BoB), इंडियन बैंक और IDBI बैंक ने अपनी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट घटा दी हैं. इसका सीधा फायदा उन लोगों को मिलने वाला है, जिन्होंने फ्लोटिंग रेट पर होम लोन या अन्य लोन लिए हैं. ब्याज दरों में यह कटौती भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की अक्टूबर बैठक के बाद आई है.
इस बैठक में RBI ने अपनी प्रमुख रेपो दर को 5.50% पर स्थिर रखा, लेकिन बैंकों ने खुदरा ग्राहकों को राहत देने के लिए MCLR में संशोधन किया है. MCLR यानी मार्जिनल कॉस्ट ऑफ फंड्स बेस्ड लेंडिंग रेट, वह दर है जिस पर बैंक अपने ग्राहकों को लोन देते हैं. जब MCLR कम होती है, तो इससे फ्लोटिंग रेट पर चल रहे लोन की EMI घट सकती है या फिर लोन की अवधि कम हो सकती है. हालांकि, आजकल नए फ्लोटिंग रेट लोन आमतौर पर External Benchmark Linked Lending Rate से जुड़े होते हैं, लेकिन पुराने लोन ग्राहक जो MCLR से जुड़े हैं, उन्हें इस कटौती का सीधा फायदा मिलेगा.
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 12 अक्टूबर 2025 से अपनी MCLR दरों में बदलाव किया है. एक महीने की MCLR को 7.95% से घटाकर 7.90% कर दिया गया है. छह महीने की MCLR 8.65% से घटाकर 8.60% कर दी गई है और एक साल की दर 8.80% से घटकर अब 8.75% हो गई है. हालांकि ओवरनाइट और तीन महीने की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है.
IDBI बैंक ने भी अपनी कुछ MCLR दरों को घटा दिया है. ओवरनाइट MCLR को 8.05% से घटाकर 8% किया गया है और एक महीने की MCLR को 8.20% से घटाकर 8.15% कर दिया गया है. हालांकि तीन महीने, छह महीने और एक साल की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. एक साल की MCLR 8.75% पर ही बनी हुई है. यह संशोधित दरें 12 अक्टूबर 2025 से लागू हो गई हैं.
इंडियन बैंक ने भी अपने ग्राहकों को राहत दी है. बैंक ने ओवरनाइट MCLR को 8.05% से घटाकर 7.95% किया है, जबकि एक महीने की MCLR को 8.30% से घटाकर 8.25% किया गया है. तीन महीने, छह महीने और एक साल की दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है और वे क्रमशः 8.45%, 8.70% और 8.85% पर स्थिर हैं. ये नई दरें 3 अक्टूबर 2025 से लागू हो चुकी हैं.