पटना : भागलपुर की विशेष सांसद-विधायक अदालत ने कांग्रेस विधायक अजीत शर्मा को एक-एक साल कैद की सजा सुनाई है। विशेष अदालत के न्यायाधीश विवेक कुमार सिंह ने बुधवार को उन्हें अपने छह सहयोगियों के साथ 2020 के विधानसभा चुनाव के मतदान के दौरान बाधा उत्पन्न करने का दोषी पाया। अदालत ने हालांकि इन सभी को तुरंत अस्थायी जमानत दे दी।
अजीत शर्मा, जो मौजूदा विधायक थे और कांग्रेस के तत्कालीन उम्मीदवार थे, ने अपने छह सहयोगियों, मोहम्मद रियाजुल्लाह अंसारी, मोहम्मद सफाकतुल्लाह, मोहम्मद नियाजुल्लाह उर्फ आजाद, मोहम्मद मंजनुद्दीन उर्फ चुन्ना, मोहम्मद नियाजुद्दीन और मोहम्मद इरफान खान उर्फ सित्तू के साथ मिलकर चुनाव प्रक्रिया में बाधा डाली और 3 नवंबर 2020 को भागलपुर नगर विधानसभा क्षेत्र के भीखनपुर मोहल्ले में घूमते हुए मतदान वाहन को रोका।
उस घटना के बाद, ड्यूटी मजिस्ट्रेट वाल्मीकि कुमार ने अजीत शर्मा और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी। विशेष अदालत ने उन्हें आईपीसी की धारा 341 के तहत 15 दिन की जेल और आईपीसी की धारा 353 के तहत एक साल की कैद की सजा सुनाई। अदालत ने प्रत्येक पर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया। डिफॉल्टर होने की स्थिति में उन्हें जुर्माने के रूप में 3,000 रुपये अतिरिक्त देने होंगे।