UP में कान्हा गोशाला के गोबर से बनाएंगे बायो गैस, सीएनजी, इस जिले में लगा प्लांट
प्रयागराज : प्रयागराज के शंकरगढ़ स्थित कान्हा गोशाला से निकलने वाले गोबर से बायो गैस और सीएनजी बनेगी। निजी क्षेत्र की मदद से नगर निगम शंकरगढ़ में गोबर से बायो गैस और सीएनजी बनाने का प्लांट लगाएगा। नगर निगम ने एजेंसियों से शंकरगढ़ में प्लांट लगाने का आवेदन मांगा है। प्लांट लगाने के लिए नगर निगम जमीन देगा। एजेंसी को प्लांट बनाना है। प्लांट में गोबर से बनने वाली गैस और सीएनजी एजेंसी बेचेगी।
गैस और सीएनजी बिक्री से आय का कुछ हिस्सा नगर निगम लेगा। प्रस्तावित प्लांट के बारे में नगर निगम के पशुधन अधिकारी डॉ. विजय अमृतराज ने बताया कि शंकरगढ़ स्थित कान्हा गोशाला के गोबर का निस्तारण नहीं हो पा रहा है। गोबर निस्तारित करने का गैस और सीएनजी बनाना ही विकल्प है। प्लांट लगाने के लिए विशेषज्ञ एजेंसियों को आमंत्रित किया गया है। नगर निगम के नगर आयुक्त, चंद्र मोहन गर्ग ने कहा कि कान्हा गोशाला का गोबर निस्तारण बड़ी समस्या है। गैस बनाने से ही इस समस्या के साथ वैकल्पिक ऊर्जा मिलेगी। प्लांट लगाने वाले और निगम को फायदा होगा।
शंकरगढ़ स्थित कान्हा गोशाला के गोबर से पहले अगरबत्ती बनाने की योजना बनी। गोबर से अगरबत्ती बनाई जाने लगी। गोबर से बनी अगरबत्ती बाजार में सफल नहीं हुई। सिर्फ अगरबत्ती बनाकर गोशाला का पूरा गोबर हटाना संभव नहीं हो पा रहा है। इसी वजह से गोबर से गैस और सीएनजी बनाने की योजना बनी।
कान्हा गोशाला एक नजर में
- कान्हा गोशाला में 2000 गोवंश।
- प्रतिदिन छह टन गोबर निकलता है।
- गांव वाले गोबर लेने को तैयार नहीं।
- गोशाला के आसपास गोबर का पहाड़ बन रहा।
प्रयागराज के कूड़े से 200 मीट्रिक टन बायो सीएनजी बनाने का रास्ता साफ हो गया है। नैनी के जहांगीराबाद में कूड़े से बायो सीएनजी बनाने का प्लांट लगेगा। इसके लिए नगर निगम और एवर एनवार्यो के बीच समझौता हो गया।
नगर निगम के साथ हुए करार के तहत प्राइवेट कंपनी प्लांट निर्माण पर लगभग 75 करोड़ रुपये खर्च करेगी। प्लांट में बना बायो सीएनजी भी कंपनी ही बेचेगी। नगर निगम के पर्यावरण अभियंता उत्तम कुमार वर्मा ने बताया कि कंपनी को नगर निगम ने जमीन दी है। जमीन के लिए कंपनी के साथ 25 साल का करार हुआ है। बायो सीएनजी प्लांट में बायो सीएनजी के निर्माण के लिए सैकड़ों टन कूड़े की खपत होगी।