BJP और कांग्रेस के कई नेता AAP में हुए शामिल, संजय सिंह ने दिलाई सदस्यता
नई दिल्ली । आम आदमी पार्टी ने विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस को झटका दिया है। पार्टी नेता दिलीप पांडेय और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह ने शनिवार को कांग्रेस और भाजपा के कई नेताओं को पार्टी में शामिल कराया। दिलीप ने कहा कि दिल्ली में केजरीवाल सरकार सभी लोगों को साथ लेकर चलने का और सभी के लिए समान विकास की नीतियों पर जो काम कर रही है, उससे प्रभावित होकर विभिन्न पार्टियों के लोग पार्टी में शामिल हो रहे हैं। उत्तर पूर्वी लोकसभा की तिमारपुर विधानसभा से कई नेताओं ने आप की सदस्यता ली।
इन नेताओं ने थामा आप का दामन
आप में शामिल होने वालों में पूर्व निगम प्रत्याशी, निर्दलीय-रोहतास सिंह, बहुजन समाज पार्टी के नेता चंद्रपाल सिंह चौधरी, भाजपा नेता मनोज शर्मा, शीशपाल, कांग्रेस के तिमारपुर से मुमताज़ आलम के अलावा दिल्ली के न्यायालय में कार्यरत वकीलों की एक टीम भी राहुल कुमार के नेतृत्व में आप में शामिल हुई। इनमें दीपक शर्मा, जतिन गुप्ता, सौरभ गुप्ता, शिवा, हरेंद्र शर्मा आदि के नाम शामिल हैं।
आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ नेता दिलीप पांडेय ने पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि दिल्ली में आगामी विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा को स्कूटर पर बैठने लायक भी विधायक नहीं मिलेंगे। इस बार सभी 70 सीटें आप जीतेगी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का काम न सिर्फ जनता को प्रभावित किया है, बल्कि सभी विपक्षी दल के नेता भी उससे प्रभावित हैं। इसी कारण वह अपनी पार्टियां छोड़कर आप में आ रहे हैं।
बेरोजगारी को मुद्दा बनाएगी कांग्रेस: कीर्ति आजाद
कांग्रेस विधानसभा चुनाव में बेरोजगारी को बड़ा मुद्दा बनाएगी। उसका कहना है कि केंद्र सरकार व राज्य सरकार की गलत नीतियों से राजधानी में लोगों को रोजगार नहीं मिल रहा है। प्रदेश कांग्रेस अभियान समिति चेयरमैन कीर्ति आजाद ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनीटरिंग इंडियन इकोनॉमी (सीएमआइई) के आंकड़ों के अनुसार दिल्ली बेरोजगारी के मामले में देश में नंबर एक हो गया है। उन्होंने कहा कि सितंबर में देश में बेरोजगारी दर 7.2 फीसद थी।
वहीं, दिल्ली में बेरोजगारी दर 20.4 फीसद थी जो कि राष्ट्रीय औसत से लगभग तीन गुना ज्यादा है। उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव घोषणापत्र में आठ लाख नए लोगों को रोजगार देने का वादा किया थ। आप सरकार द्वारा विधानसभा में दी गई जानकारी के अनुसार तीन वर्षो में रोजगार कार्यालय से 324 युवाओं को रोजगार मिला है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार की नोटबंदी व जीएसटी जैसी नीतियों का उद्योग धंधों पर बुरा प्रभाव पड़ा है।