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BJP की शिअद को दो टूक, गठबंधन निभाओ या अकेले लड़ेंगे

arun-jaitley1-56c01cd1635c1_exlदस्तक टाइम्स एजेंसी/भाजपा ने पहली बार पंजाब में अपने गठबंधन साझीदार को आंखें दिखाई हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता अरुण जेटली ने शिरोमणि अकाली दल से दो टूक कहा है कि वह गठबंधन धर्म निभाए वरना उन पर आरएसएस और पार्टी की ओर से अकेले चुनाव लड़ने का काफी दबाव है।

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के नई दिल्ली स्थित निवास पर सोमवार को शिअद-भाजपा नेताओं की बैठक हुई। इसमें डिप्टी सीएम सुखबीर बादल केसामने ही भाजपाइयों ने जम कर भड़ास निकाली। बैठक में शामिल भाजपा के तीनों मंत्रियों मदन मोहन मित्तल, सुरजीत ज्याणी और अनिल जोशी ने खुल कर कहा कि उनके पास विभाग नाममात्र के हैं।

उनके विभागों में दखलंदाजी होती है। दिलचस्प बात यह थी कि पहली बार प्रदेश भाजपा प्रधान कमल शर्मा भी सरकार के खिलाफ मुखर हुए। सूत्रों के मुताबिक शर्मा ने कहा कि जिलों से लेकर प्रदेश स्तर तक भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की कोई सुनवाई नहीं होती है।

इस पर जेटली ने सुखबीर से कहा कि आपके सामने ही ये लोग कह रहे हैं। हम पर राष्ट्रीय स्वयंसवेक संघ और पार्टी की ओर से अकेले लड़ने का काफी दबाव है। लेकिन सभी सीएम प्रकाश सिंह बादल का काफी सम्मान करते हैं। इसलिए गठबंधन में ही भाजपा चुनाव लड़ेगी और 23 सीटों पर ही लड़ेगी।

अगर शिअद को गठबंधन में लड़ना है तो गठबंधन धर्म निभाना होगा। शिअद को अपनी ओर से कोऑर्डिनेशन ठीक करना होगा। जिलों से लेकर राज्य स्तर तक अकाली नेताओं और अधिकारियों के व्यवहार में सुधार करें। मंत्रियों के विभागों में किसी तरह का दखल नहीं होना चाहिए।

जानकारी के मुताबिक सुखबीर ने भरोसा दिया कि एक हफ्ते के अंदर चंडीगढ़ में दोनों पार्टियों की कोऑर्डिनेशन कमेटी की बैठक बुलाकर भाजपा नेताओं के मसले हल कर लिए जाएंगे।

ये थे बैठक में शामिल
बैठक में भाजपा केंद्रीय नेतृत्व की ओर से वित्तमंत्री अरुण जेटली और संगठन महामंत्री रामलाल, शिअद की ओर से डिप्टी सीएम सुखबीर बादल और नरेश गुजराल शामिल हुए। जबकि, प्रदेश भाजपा की ओर से तीन मंत्री मदन मोहन मित्तल, सुरजीत ज्याणी व अनिल जोशी, प्रदेश प्रधान कमल शर्मा, अविनाश राय खन्ना, तरुण चुघ और संगठन मंत्री दिनेश कुमार शामिल हुए थे।

कोर ग्रुप की बैठक में उठा था मुद्दा
पिछले दिनों भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने नई दिल्ली में पंजाब भाजपा कोर ग्रुप की बैठक बुलाई थी। उसमें भी नेताओं ने एक सुर में अकाली दल के खिलाफ भड़ास निकाली थी। उन्होंने राष्ट्रीय नेतृत्व से शिअद नेतृत्व पर दबाव डालने की अपील की थी।

 
 
 

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