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भाजपा और कांग्रेस ने निर्दलियों के साथ बनाए समीकरण, अगस्त के पहले सप्ताह में होंगे अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन

छतरपुर : जनपद और जिला पंचायत में अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष का निर्वाचन होने के बाद अब नगर परिषदों एवं नगर पालिकाओं में बोर्ड गठन की तैयारी की जा रही है। इस बार निकायों के अध्यक्ष एवं उपाध्यक्षों के निर्वाचन भी बेहद रोचक होने जा रहे हैं क्योंकि जिले के 15 नगर निकायों में से 8 निकाय ऐसे हैं जहां जनता ने किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया है। जाहिर है अन्य दलों एवं निर्दलियों के सहारे ही भाजपा और कांग्रेस जैसे बड़े राजनैतिक दल इस निर्वाचन में कूदने की तैयारी कर रहे हैं। प्रदेश से मिल रही सूचनाओं के मुताबिक जिले में निकायों के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन अगस्त के पहले सप्ताह में होना तय है। आने वाले तीन-चार दिन काफी महत्वपूर्ण हैं। अब निर्दलीय प्रत्याशियों को प्रलोभन देकर उनका वोट हथियाने की कोशिशें तेज हो गई हैं।

उल्लेखनीय है कि जिले में 3 नगर पालिकाएं व 12 नगर परिषदें हैं। इनमें से 8 निकाय ऐसे हैं जहां पिछले दिनों हुए पार्षद पद के चुनावों के दौरान जनता ने किसी भी पार्टी को स्पष्ट बहुमत नहीं दिया। इन निकायों में निर्दलीय पार्षद ही अपने वोट से भाजपा या कांग्रेस का बेड़ा पार करेंगे। ऐसे निकायों में सबसे महत्वपूर्ण नगर पालिका नौगांव है जहां कांग्रेस और भाजपा के बीच ऐड़ी चोटी का जोर लग रहा है। 20 पार्षदों वाली नौगांव नगर पालिका में कांग्रेस के 8, भाजपा के 5, बसपा के 2 एवं 5 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीते थे यानि यहां बहुमत के लिए आवश्यक 11 पार्षद किसी पार्टी के पास नहीं हैं। इसी तरह 15 सदस्यों वाली बड़ामलहरा नगर परिषद में भाजपा के 5, कांग्रेस के 6 एवं 4 निर्दलीय प्रत्याशी हैं। घुवारा में भी भाजपा के 5, कांग्रेस 4, आप पार्टी का 01 एवं अन्य दलों के 5 प्रत्याशी हैं। हरपालपुर में कांग्रेस के 7, भाजपा के 5 व तीन निर्दलीय प्रत्याशी हैं। लवकुशनगर में भाजपा के 6, कांग्रेस के 3 एवं 6 निर्दलीय प्रत्याशी चुनाव जीतकर आए हैं। चंदला में भाजपा के 6, कांग्रेस के 4 एवं 5 प्रत्याशी निर्दलीय हैं। राजनगर में स्थिति कांटे की थी यहां भाजपा और कांग्रेस के 7-7 एवं एक निर्दलीय प्रत्याशी है जिसे अब भाजपा ने अपने खेमे में कर लिया है। खजुराहो में भाजपा के पास 7, कांग्रेस के पास 4 प्रत्याशी हैं तो वहीं निर्दलीय चुनाव जीतकर आए प्रत्याशियों की संख्या भी 4 है।

जिले की दूसरी बड़ी नगर पालिका नौगांव में वैसे तो जनता ने कांग्रेस को बढ़त दी है लेकिन स्पष्ट बहुमत न होने के कारण यहां कांग्रेस के भीतर ही अंतकर्लह मच गया है। 20 पार्षदों वाली नौगांव नगर पालिका में कांग्रेस के पास 8 पार्षद हैं जबकि कांग्रेस नेता अजय दौलत तिवारी की अनुज वधू निर्दलीय रूप से पार्षद चुनी गई हैं। यदि उन्हें भी कांग्रेस के खाते में जोड़ा जाए तो कांग्रेस को बहुमत के लिए सिर्फ 2 पार्षदों की आवश्यकता है। उधर भाजपा के पास सिर्फ 5 पार्षद हैं और उसे अध्यक्ष, उपाध्यक्ष निर्वाचन जीतने के लिए 5 निर्दलीय व दो बसपा पार्षदों की जरूरत है। हालांकि इस गणित में भाजपा कमजोर है लेकिन कांग्रेस के भीतर ही अजय दौलत तिवारी एवं क्षेत्रीय विधायक नीरज दीक्षित के बीच चल रहे अंर्तकलह के कारण यहां कांग्रेस भी समीकरण नहीं बना पा रही है। राजनैतिक सूत्र कहते हैं कि नीरज दीक्षित अजय दौलत तिवारी के पक्ष में नहीं है। उधर अजय दौलत तिवारी को कांग्रेस ने अध्यक्ष पद के लिए प्रस्तावित नहीं किया तो वे भाजपा के साथ जा सकते हैं। या फिर एक नए विकल्प के साथ अध्यक्ष का चुनाव जीत सकते हैं। कांग्रेस जिलाध्यक्ष लखन पटेल एवं संगठन के अन्य नेता यहां सामंजस्य बैठाने के लिए प्रयास कर रहे हैं। इसके बावजूद यहां स्थिति में सुधार नहीं आ रहा है। कांग्रेस की इसी लड़ाई का फायदा भाजपा को मिल सकता है। कुछ इसी तरह के हालात हरपालपुर में हैं जहां कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं लेकिन फिर भी बहुमत के लिए आवश्यक एक पार्षद उन्हें नहीं मिल पा रहा है। यहां भाजपा अपने 5 पार्षदों के साथ तीन निर्दलियों को साधकर अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का निर्वाचन जीत सकती है।

बड़ामलहरा नगर परिषद में अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के निर्वाचन के पहले कांग्रेस थोड़ा मजबूत हो गई है। 15 सीटों वाली इस नगर परिषद में कांगे्रस के पास 6 पार्षद हैं जबकि भाजपा के पास 5 एवं अन्य के खाते में 4 सीटें गई हैं। यहां बहुमत के लिए कांग्रेस को दो पार्षदों की आवश्यकता है जो कि अब निर्दलीय के खाते से मिल सकते हैं। यहां वार्ड नं. 3 से चुनाव जीतने वालीं निर्दलीय प्रत्याशी अंगिमा गौड़ एवं वार्ड नं.6 से निर्दलीय चुनाव जीतने वाले घनश्याम उर्फ छोटू रैकवार ने कांग्रेस की सदस्यता ले ली है। रविवार को छतरपुर में जिलाध्यक्ष लखन पटेल, कार्यकारी जिलाध्यक्ष अनीस खान एवं गगन यादव, दीप्ती पाण्डेय की उपस्थिति में दोनों निर्दलीय पार्षदों ने कांगे्रस की सदस्यता ली। पार्षदों ने कहा कि वे कमलनाथ एवं कांग्रेस की नीतियों से प्रभावित होकर पार्टी से जुड़ रहे हैं। उधर बड़ामलहरा में भाजपा अब निर्दलियों एवं क्रास वोटिंग के सहारे ही अध्यक्ष बना सकती है।

40 पार्षदों वाली छतरपुर नगर पालिका में भाजपा के पास स्पष्ट बहुमत है। यहां भाजपा ने अपने 22 पार्षद जिताए हैं जबकि कांग्रेस के पास 11 पार्षद हैं। यहां 6 निर्दलीय प्रत्याशी सहित बसपा का भी एक पार्षद चुनाव जीता है। तय माना जा रहा है कि भाजपा यहां अपना अध्यक्ष और उपाध्यक्ष बना लेगी। भाजपा की ओर से अध्यक्ष पद के लिए प्रमुख रूप से दो ही नामों पर संगठन के नेता विचार कर रहे हैं। इनमें वार्ड 32 से चुनाव जीतकर आयीं शैला बिट्टू चौरसिया एवं वार्ड 35 से चुनाव जीतकर आयीं ज्योति सुरेन्द्र चौरसिया के नाम प्रमुख हैं। दोनों ही महिला नेत्रियों के पति भाजपा संगठन के स्थापित नेता हैं। दोनों ही नेताओं के द्वारा संगठन के शीर्ष नेताओं से साठगांठ बैठायी जा रही है। संभव है कि निर्वाचन के पहले यहां भाजपा में ही अंर्तकलह की भी स्थिति निर्मित हो। बहरहाल पार्टी जिसे अपना प्रत्याशी घोषित करेगी उसका अध्यक्ष बनना काफी हद तक तय माना जा रहा है।

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