नई दिल्ली : राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने दो महत्वपूर्ण चुनावी समितियों में नए नेताओं को सामने लाकर साफ कर दिया कि पार्टी सामूहिक नेतृत्व में ही आगे बढ़ रही है। गुरुवार को घोषित चुनाव प्रबंधन समिति और घोषणा पत्र समिति में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं है। रणनीति के तहत ही केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को भी इन समितियों में जगह नहीं दी गई। हालांकि अभी चुनाव अभियान समिति की घोषणा बाकी है, जिस पर सबकी नजरें रहेंगी।
राजस्थान में इस साल के आखिर में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में भाजपा बीते दो दशकों से वसुंधरा राजे के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ती रही है और सरकार बनने पर मुख्यमंत्री भी वही बनीं। बीते कुछ वर्षों से केंद्रीय नेतृत्व ने राज्य में नए नेतृत्व को उभारने की कोशिश की। इस क्रम में उसने राज्य में कई प्रयोग भी किए। हालांकि नरम गरम तेवरों के साथ वसुंधरा राजे सबसे बड़ी नेता के रूप में बनी रहीं और पार्टी भी उनके उपर किसी और नेता तो स्थापित नहीं कर सकी।
अब विधानसभा चुनाव को देखते हुए केंद्रीय नेतृत्व ने सामूहिक नेतृत्व को आगे बढ़ाने का फैसला किया है। सूत्रों के अनुसार पार्टी किसी नेता के चेहरे पर चुनाव मैदान में नहीं जाएगी। साथ ही वह नए नेताओं के जरिए सामाजिक समीकरण साध कर बड़े नेताओं पर अपनी निर्भरता को कम करेगी। यही वजह है कि चुनाव प्रबंधन समिति और घोषणा पत्र समिति में ऐसे नेताओं को जगह दी गई है जो जमीनी और भावी राजनीति के लिए मुफीद माने जा सकते हैं। भाजपा ने वसुंधरा राजे के बारे में फिलहाल इतना ही कहा है कि बाकी सभी वरिष्ठ नेता प्रचार करेंगे। एक प्रमुख नेता ने कहा कि वह बड़ी नेता हैं। हालांकि इसके बाद वसुंधरा राजे खेमे पर भी सबकी नजर है कि वह किस तरह की प्रतिक्रया व्यक्त करता है। साथ ही केंद्रीय नेतृत्व और वसुंधरा राजे के बीच आगे किस तरह की बात होती है।
चुनावी दृष्टि से महत्वपूर्ण चुनाव प्रबंधन समिति का संयोजक पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष और पूर्व सांसद नारायण पंचारिया को बनाया गया है। इस समिति में 25 सदस्य हैं। इसमें पार्टी के पूर्व प्रदेश महामंत्री ओंकार सिंह लखावत, पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता और सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़, प्रदेश महामंत्री भजनलाल, प्रदेश महामंत्री दामोदर अग्रवाल, पूर्व सूचना आयुक्त सीएम मीणा व कन्हैया लाल बैरवाल सह संयोजक होंगे। घोषणा पत्र समिति (संकल्प पत्र समिति) के संयोजक केंद्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल होंगे। इस 25 सदस्यीय समिति में राज्यसभा सदस्य घनश्याम तिवाड़ी और किरोड़ी लाल मीणा, राष्ट्रीय मंत्री अलका सिंह गुर्जर, पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष राव राजेंद्र सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया, पूर्व मंत्री प्रभु लाल सैनी तथा राखी राठौड़ को सह संयोजक बनाया गया है।