राजस्थान में भाजपा ने फ्लोर टेस्ट कराने की मांग, कांग्रेस ने कहा- आल इज वेल
अशोक गहलोत की सरकार अल्पमत में है : सचिन पायलट
नई दिल्ली : राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने बगावती तेवर अपना लिए हैं। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विधायकों की मीडिया के सामने परेड करके यह दावा किया कि उनके पास बहुमत है। हालांकि, भाजपा ने इस दावे पर सवाल उठाते हुए राजस्थान में बहुमत परीक्षण (फ्लोर टेस्ट) कराने की मांग कर दी है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा है कि अगर अशोक गहलोत के पास बहुमत है, तो उन्हें जल्द से जल्द फ्लोर टेस्ट करा कर अपना बहुमत साबित करना चाहिए। साथ ही उन्होंने कहा कि वे अपने विधायकों को रिसॉर्ट में ले जा रहे हैं, तो स्पष्ट रूप से उनके पास संख्या नहीं है।
कांग्रेस का कहना है कि राजस्थान में उनकी सरकार स्थिर है। अशोक गहलोत सरकार को कोई खतरा नहीं है। मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार का कहना है कि कांग्रेस के पास 107 विधायकों का समर्थन है। बहुमत के लिए 101 विधायकों की आवश्यकता है। हालांकि, अमित मालवीय ने सोशल मीडिया पर फ्लोर टेस्ट की मांग की है। इस बीच कांग्रेस ने बागी विधायकों से सख्ती से निपटने का मन बना लिया है।
राजस्थान कांग्रेस विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित किया गया कि भाजपा द्वारा लोकतंत्र का यह चीरहरण राजस्थान के 8 करोड़ लोगों का अपमान है, वे इसे स्वीकार नहीं करेंगे। विधायक दल की बैठक में यह भी कहा गया कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और नेता राहुल गांधी के प्रति अपना विश्वास व्यक्त करते हैं और अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली सरकार का सर्वसम्मति से समर्थन करते हैं।
गौरतलब है कि राजस्थान में पूरा विवाद 10 जुलाई को तब शुरू हुआ, जब राजस्थान पुलिस के विशेष कार्यबल ने राज्य में विधायकों की खरीद-फरोख्त और निर्वाचित सरकार को अस्थिर करने के आरोपों में एक मामला दर्ज किया। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य में विधायकों को प्रलोभन दिया जा रहा है और करोड़ों रुपये कैश जयपुर ट्रांसफर हो रहा है। शाम होते-होते कांग्रेस के लगभग दो दर्जन विधायकों ने आरोप लगाया कि भाजपा राज्य की अशोक गहलोत सरकार को गिराने की साजिश रच रही है।