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दूसरों के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं राहुल गांधी : भाजपा

नई दिल्ली: किसान आंदोलन की एक पुरानी तस्वीर को साझा करने उसे वर्तमान समय की तस्वीर बताने के लिए राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए भाजपा ने शुक्रवार को कहा कि कांग्रेस नेता दूसरे के कंधों पर बंदूक रखकर राजनीति कर रहे हैं। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. संबित पात्रा ने प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा, देश में जब भी भ्रम की, झूठ की राजनीति होती है, तो राहुल गांधी का हाथ होता ही है। आज राहुल गांधी ने किसान आंदोलन की पुरानी तस्वीर को ट्वीट कर उसे वर्तमान का फोटो बताया है।

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने तस्वीर ट्वीट करते हुए लिखा था, डटा है, निडर है, इधर है भारत का भाग्य विधाता। हालांकि अपने ट्वीट में राहुल गांधी ने मुजफ्फरनगर में रविवार को हुई किसान महापंचायत का जिक्र नहीं किया था। पात्रा ने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष विहीन है वह जमीन पर किसी मुद्दे को उठा नहीं पा रही। यह बात राहुल गांधी को पता है। इसलिए वे झूठी तस्वीरों के जरिए राजनीति करने की कोशिश कर रहे हैं।

पात्रा ने राहुल गांधी पर हमला बोलते हुए कहा, अपने संगठन को आगे नहीं बढ़ाना, अपने संगठन को अध्यक्ष विहीन रखना, परिश्रम नहीं करना दूसरे के कंधों पर बंदूक रखकर चलाने का प्रयास करना राहुल गांधी की आदत बन चुकी है। देश में चल रहे टीकाकरण अभियान के बारे में बात करते हुए पात्रा ने कहा कि भारत में दुनिया का सबसे तेज सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान चल रहा है पूरी दुनिया इसकी सराहना कर रही है, लेकिन राहुल गांधी टीकाकरण के संदर्भ में एक भी ट्वीट नहीं करते हैं। उन्होंने कहा, देश में करीब 68.75 करोड़ लोगों को वैक्सीन की एक खुराक मिल चुकी है। इतनी बड़ी आबादी को वैक्सीन मिलने के बाद भी राहुल गांधी का एक भी ट्वीट नहीं आया है। पिछले दो दिनों में एक करोड़ से ज्यादा लोगों को टीका लगाया गया। इसके बावजूद झूठी तस्वीरों के जरिए भ्रम फैलाने वाले इस पर चुप्पी साधे हुए हैं।

इसके अलावा कांग्रेस नेता के ट्वीट पर भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग के राष्ट्रीय प्रभारी अमित मालवीय ने भी तंज कसा है। भाजपा नेता मालवीय ने राहुल गांधी के ट्वीट के लिए उनको निशाने पर लेते हुए कहा, महापंचायत की सफलता दिखाने के लिए राहुल गांधी को पुरानी तस्वीर का सहारा लेना पड़ा, ये दिखाता है कि किस तरह से किसानों की पंचायत में भारी भीड़ का दुष्प्रचार किया गया। जिस तरह से धार्मिक नारे लगे उससे साबित होता है कि इनका असली मकसद क्या है।

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