जितिन के शामिल होने से भाजपा उत्साहित
सुरेश बहादुर सिंह
लखनऊ, 09 जून, दस्तक टाइम्स, (ब्यूरो) : असंतोष, हताशा और निराशा से जूझ रही कांग्रेस को बुधवार को उस समय करारा झटका लगा जब पार्टी के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितिन प्रसाद कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये। श्री प्रसाद के भाजपा में शामिल होने से जहां भाजपाई काफी उत्साहित हैं, वहीं कांग्रेस में हताशा व निराशा का माहौल है।
श्री प्रसाद का भाजपा में शामिल होना हालांकि उसी समय तय माना जा रहा था जब कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे, हालांकि ऐसा माना जा रहा था कि श्री प्रसाद के साथ राजस्थान के कद्दावर नेता सचिन पायलट भी भाजपा का दामन थाम लेंगे, लेकिन कांग्रेस आलाकमान श्री प्रसाद व श्री पायलट को पार्टी न छोड़ने के लिए राजी कर लिया था।
श्री प्रसाद पार्टी में अपनी उपेक्षा से काफी दिनों से नाराज चल रहे थे, हालांकि पार्टी ने उन्हें पश्चिम बंगाल का प्रभारी बनाकर संतुष्ट करने का प्रयास किया था। पश्चिम बंगाल में पार्टी को मिली करारी हार से भी श्री प्रसाद काफी क्षुब्ध थे। उनका मानना था कि पार्टी नेतृत्व ने उनकी अनदेखी करते हुए पश्चिम बंगाल में सारे फैसले लिये थे जिसका खामियाजा पार्टी को चुनाव में भुगतना पड़ा था। श्री प्रसाद चाहते थे कि पार्टी उन्हें उत्तर प्रदेश में कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंप दे जिससे वह न सिर्फ अपना जनाधार मजबूत कर सके बल्कि पार्टी को भी मजबूती प्रदान कर सके, हालांकि पार्टी ने उन्हें कोई महत्वपूर्ण जिम्मेदारी देने में कोई रुचि नहीं दिखाई।
पार्टी की उपेक्षा से आहत श्री प्रसाद ने ब्राह्मण चेतना मंच का गठन करके ब्राह्मणों को एकजुट करने का प्रयास करना प्रारम्भ कर दिया। यह वही दौर था जब विकास दूबे हत्याकांड के बाद प्रदेश का ब्राह्मण समाज भाजपा सरकार से अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहा था। ब्राह्मण समाज को इस बात का कष्ट था कि इस सरकार में उनकी उपेक्षा की जा रही है। प्रदेश सरकार में शामिल ब्राह्मण मंत्री भीं ब्राह्मणों के पक्ष में खुलकर कुछ बोलने को तैयार नहीं थे। श्री प्रसाद ने ब्राह्मण एकता मंच के माध्यम से असंतुष्ट ब्राह्मण समाज को एकजुट करने का प्रयास करना प्रारम्भ कर दिया। हालांकि वह ब्राह्मण समाज को कांग्र्रेस पार्टी से ज्यादा अपने व्यक्तिगत हितों के लिए अपने से जोड़ रहे थे।
भाजपा की नजर पहले से ही श्री प्रसाद पर थी। भाजपा आलाकमान को यह एहसास होने लगा था कि ब्राह्मण समाज की नाराजगी आगामी विधानसभा चुनाव में उनके लिए भारी पड़ सकती है, लेकिन उन्हें अपनी पार्टी में ब्राह्मण समाज का कोई कद्दावर नेता ऐसा नहीं मिल रहा था जो इस समाज को पार्टी के पक्ष में जोड़ सके। श्री प्रसाद जिस तरह ब्राह्मण समाज के निर्विवाद नेता के रूप में उभर रहे थे वह भाजपा के लिए चिन्ताजनक था। इसीलिए भाजपा ने उन्हें पार्टी से जोड़ने का फैसला किया। भाजपा का प्रयास सफल रहा और बुधवार को श्री प्रसाद भाजपा में शामिल हो गये। आगामी विधानसभा चुनाव से पूर्व श्री प्रसाद का भाजपा में शामिल होना निश्चित रूप से भाजपा को फायदा पहुंचाएगा, हालांकि अभी यह तय नहीं हो पाया है कि भाजपा श्री प्रसाद को क्या जिम्मेदारी देगी, लेकिन यह भी तय है कि विधानसभा चुनाव से पूर्व श्री प्रसाद को उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।