मणिपुर में हिंसा की शुरुआत होने के बाद ही भाजपा विधायक विंगजागिन वाल्टे और उनके परिवार पर भीड़ ने हमला कर दिया था। वह मुख्यमंत्री एन बिरेन सिंह से मिलकर सचिवालय लौट रहे थे तभी उनपर भीड़ ने हमला कर दिया। वाल्टे कुकी जनजाति से आते हैं। उनको इतनी बुरी तरह प्रताड़ित किया गया कि वह अपनी याददाश्त खो बैठे थे और उनके अंग भी ठीक से काम नहीं कर रहे थे। बिजली का करंट देने और पिटाई की वजह से उनको लकवा मार गया।
पिटाई के साथ दिया गया बिजली का झटका
60 साल के भाजपा विधायक को एयरलिफ्ट करके दिल्ली लाया गया। इस समय वह अपने परिवार के साथ कालकाजी एक्सटेंशन के एक किराए के मकान में रह रहे हैं। उन्हें हाल ही में अपोलो अस्पताल से छुट्टी दी गई है। डॉक्टरों का कहना है कि उनकी हालत में धीरे-धीरे सुधार आएगा। हालांकि इसमें दो महीने का समय लग सकता है। वाल्ते के बेटे जोसेफ ने कहा, मेरे पिता को रोककर उनके हाथपैर बांध दिए गए। इसके बाद उन्हें एक बड़े हॉल में ले जाया गया। उनके आसपास मौजूद लोगों ने उन्हें बिजली के झटके देने शुरू कर दिए। उनके ड्रावर की पीट-पीटकर हत्या कर दी गई।
जोसेफ ने कहा कि उनके पिता के सिर पर वार किया गया और इतनी बुरी तरह पीटा गया कि वे बैठ भी नहीं पा रहे थे। उनकी याददाश्त चली गई थी और वह कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे। वाल्टे के परिवार का कहना है कि उन्हें एयर एंबुलेंस से दिल्ली पहुंचाया गया था लेकिन इसके बाद सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिली। बेटे जोसेफ ने कहा कि जब तक मणिपुर के हालात नहीं सुधरते वे वापस घऱ नहीं जाएंगे। वहीं वाल्टे के परिवार का कहना है कि अब वे नहीं चाहते कि वाल्टे दबारा चुनाव लड़ें और विधानसभा जाएं। उन्होंने कहा कि कोई भी बड़ा नेता उनसे मुलाकात करने नहीं आया।
जोसेफ ने कहा कि उनके पिता लोगों की सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री से बात करने गए थे। उन्होंने कहा कि इलाज बहुत महंगा है। किसी तरह से उन्होंने 60 से 70 लाख रुपये की व्यवस्था की थी। लेकिन अभी कितना लंबा इलाज चलेगा इसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता। सरकार की तरफ से भी कोई मदद नहीं मिल रही है ऐसे में परिवार को मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।