बीजेपी पारदर्शिता और ईमानदारी की बात करना बंद करे : प्रमोद तिवारी
‘‘ऑपरेशन वेस्ट ईस्ट’’ को लेकर बीजेपी पर बोला हमला
लखनऊ, 26 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो) : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता प्रमोद तिवारी ने कहा है कि सारी दुनिया को याद होगा जब भारतीय जनता पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष स्व. बंगारू लक्ष्मण को उनके कार्यालय में कैश में रिश्वत लेते हुये, तथा भाजपा सरकार के तत्कालीन रक्षा मन्त्री के आवास पर रक्षा मंत्री की करीबी मित्र जया जेटली को रिश्वत लेते हुये देश ने ही नहीं बल्कि दुनिया ने देखा था, किन्तु तब भारतीय जनतापार्टी ने इसे झूठ कहा था।
श्री तिवारी ने कहा है कि 25 जुलाई 2020 को सीबीआई अदालत के न्यायाधीश वीरेन्द्र भट्ट ने इस मुकदमे में सजा सुना दी। इस मुकदमें में वर्ष 2006 में चार्जशीट दाखिल हुई थी और कल 25 जुलाई 2020 को मुकदमें में जीवित अभियुक्तों जया जेटली, गोपाल पचरवाल तथा एस. पी. मुरगई को अदालत ने दोषी ठहराया, और इस तरह एक न्यूज पोर्टल द्वारा किये गये स्टिंग ऑपरेशन जिसे ‘‘ऑपरेशन वेस्ट ईस्ट’’ का नाम दिया गया था उसे अदालत ने सही माना और 14 साल बाद अभियुक्तों को अदालत ने दोषी ठहराया।
अक्षम्य अपराध के लिए देश क्षमा मांगे भाजपा – प्रमोद तिवारी
श्री तिवारी ने कहा है कि आज की देश की सबसे बड़ी राजनैतिक पार्टी के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे स्व. बंगारू लक्ष्मण और भाजपा सरकार के तत्कालीन रक्षा मंत्री के आवास पर ली गयी रिश्वत को अदालत ने सही माना है। ‘जीरो टॉलरेंस’’ की बात करने वाली और पारदर्शिता की दुहाई देने वाली भारतीय जनता पार्टी ने इतिहास रचा है, और उस मुकदमें में जिसमें भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष, अऔर तत्कालीन रक्षा मंत्री के आवास पर ली गयी रिश्वत का मुकदमा विचाराधीन था उसमें सीबीआई अदालत ने दोषी ठहराया है। श्री तिवारी ने कहा है कि मुझे पूरी उम्मीद है कि भारतीय जनता पार्टी कम से कम पारदर्शिता और ईमानदारी की बात करना कुछ दिन कम करे और इस अक्षम्य अपराध के लिये देश से क्षमा याचना करे।
राजस्थान में हो रही लोकतंत्र की ह्त्या – प्रमोद तिवारी
तिवारी ने कहा है कि देश का संविधान पूरी तरह स्पष्ट है और सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय ने बार-बार परिभाषित भी किया है कि निर्वाचित मंत्रि परिषद के आग्रह पर राज्यपाल, विधान सभा की बैठक आहूत करेंगे, तदानुसार अध्यक्ष विधान सभा के निर्देशानुसार विधान सभा की कार्यवाही संचालित होगी।
अनुरोध पर भी राज्यपाल नहीं बुला रहे विधानसभा की बैठक
मुझे आश्चर्य है कि राजस्थान में मंत्रि परिषद के 3 बार अनुरोध करने के बाद भी राज्यपाल राजस्थान, विधान सभा की बैठक नहीं बुला रहे हैं, जो संवैधानिक रूप से अनिवार्य है, और इस तरह राजस्थान में लोकतंत्र की हत्या हो रही है, तथा भारतीय जनता पार्टी को एक निर्वाचित स्थिर सरकार को अस्थिर करने का अवसर दिया जा रहा है, ये संविधान की नजरों में, और मा. सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्थापित विषय पर दी गयी सभी रूलिंग के प्रतिकूल है। नाबम रेबिया आदि बनाम डिप्टी स्पीकर एवं अन्य 13 जुलाई 2016 के प्रकरण में न्यायाधीश जगदीश सिंह खेहर, न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायाधीश श्री मदन बी. लूकर न्यायाधीश पिनाकी चन्द्र घोष एवं न्यायाधीश एन.वी. रमाना की 5 सदस्यीय संवैधानिक बेंच ने स्पष्ट कर दिया है कि सदन की बैठक बुलाने के मामले में मंत्रि परिषद की सिफारिश बाध्यकारी है। मुझे आशा है कि महामहिम राज्यपाल राजस्थान, गहलौत मंत्रि परिषद की सिफारिश को स्वीकार करेंगे, तथा विधान सभा की बैठक तत्काल बुलायेंगे, और लोकतंत्र तथा संविधान की रक्षा करेंगे ।