देहरादून: केंद्र सरकार के काम और महिलाओं का भाजपा के प्रति जुड़ाव भाजपा को जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। 2022 के विधानसभा चुनाव में केंद्र पोषित योजनाओं विशेषकर महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के कारण महिलाएं भाजपा से जुड़ी हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नाम पर महिलाओं द्वारा भाजपा को वोट देने का अनुमान लगाया जा रहा है। यही महिला वोटर भाजपा का बेड़ा पार करेगी।
बंजारावाला की किरन का कहना है कि मातृ शक्ति ने एकमुश्त वोट दिया है। इसी तरह की बात कारगी चौक की सुशीला रौथाण तथा लालपुल की रहने वाली रजनी रावत ने भी की है। उनका कहना है कि हम सब महिलाओं ने तय किया था कि मोदी के नाम पर भाजपा को ही वोट देंगे। उन्होंने कहा कि मैं भाजपा की कार्यकर्ता नहीं हूं, लेकिन पार्टी के कामों से प्रभावित हूं और पूरे क्षेत्र में हमने महिलाओं को इसी बात की जानकारी दी थी।
2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर इन दिनों भाजपा और काग्रेस की धड़कने बढ़ी हुई हैं। चुनाव प्रचार के दौरान भले ही भाजपा के नेताओं द्वारा अब की बार 60 पार का नारा दिया गया हो, लेकिन भाजपा भी जानती है कि रिकॉर्ड हर बार नहीं बनते हैं। सत्ता विरोधी फैक्टर का भी अपना अस्तित्व होता है और फिर भाजपा की सरकार के स्तर पर भी उसकी बड़ी उपलब्धि उसके खाते में नहीं है। इसके ऊपर से चुनाव पूर्व दो बार मुख्यमंत्री बदलकर उसने रही सही कमी भी पूरी कर ली थी, लेकिन इस सब के बावजूद भी सूबे की महिला मतदाताओं के भाजपा के पक्ष में जमकर मतदान करने की खबरों के बीच भाजपा के सत्ता में बने रहने की संभावनाएं बरकरार हैं।
राज्य में कुल वोटर संख्या 82 लाख के पार है, जिसमें लगभग 40 लाख महिला मतदाता हैं। इस बार राज्य में 65 फीसदी के करीब मतदान का प्रतिशत रहा है। इस हिसाब से राज्य के चुनाव में लगभग 26 लाख महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है। खासतौर से इस बार पहाड़ों पर महिला मतदाताओं में भारी उत्साह देखा गया। इनमें से अधिकांश मत भाजपा के पक्ष में जाने की बात कही जा रही है।
यही नहीं उसका जो अहम कारण बताया गया है, वह केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलना बताया जा रहा है। प्रधानमंत्री मोदी ने अपनी सभी जनसभाओं में उन जनधन खातों का भी उल्लेख किया गया, जिनके माध्यम से महिलाओं के खातों में विभिन्न योजनाओं की सब्सिडी पहुंच रही है। उनके द्वारा ’हर घर जल हर घर नल’ और शौचालयों का जिक्र भी अपने हर भाषण में शिद्दत के साथ किया गया। गरीब परिवारों की लड़कियों की शादी और छात्राओं को दिए जाने वाले अनुदान तथा उज्ज्वला योजना से मिले गैस कनेक्शन और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं ने महिलाओं पर भारी प्रभाव छोड़ा है।
इससे प्रभावित होकर पहाड़ की महिलाओं ने मोदी के काम और नाम पर भाजपा के समर्थन में जो वोट दिया है वह भाजपा का बेड़ा पार लगा सकता है। भले ही महिलाओं का शत प्रतिशत वोट भाजपा को न मिला हो लेकिन यह भाजपा की जीत का आधार बन सकता है। भाजपा नेता भी भितरघात की खबरों के बीच अगर अपनी जीत का दावा कर रहे हैं तो उसका आधार भी यह महिला मतदाता ही है। परिणाम क्या होता है इसकी सही जानकारी तो 10 मार्च को ही मिल सकेगी, लेकिन महिला वोटर भाजपा के लिए महत्वपूर्ण साबित होने जा रही है, इसकी संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है।