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गुजरात: चुनाव से पहले BJP का नया दाव, राज्य में ‘समान नागरिक संहिता’ लागू होने की संभावना!

गांधीनगरः गुजरात में आगामी विधानसभा चुनावों (Gujrat Assembly polls 2022) से पहले राज्य में समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) लागू होने की संभावना है। गुजरात सरकार ने राज्य में समान नागरिक संहिता को लागू करने के सभी पहलुओं का मूल्यांकन करने के लिए एक समिति गठित करने का प्रस्ताव पेश किया था जिसे हरी झंडी मिल गई है।

गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले मामले के सभी पहलुओं का पता लगाने के लिए एक सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के तहत समिति के गठन को मंजूरी दी गई है। इस बीच, केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने इसकी जानकारी देते हुए बताया कि समिति सेवानिवृत्त हाईकोर्ट के न्यायाधीश की अध्यक्षता में होगी और इसमें तीन से चार सदस्य होंगे। इससे पहले, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश सरकारों ने समान नागरिक संहिता (Uniform Civil Code) को लागू करने के अपने फैसले का ऐलान किया था।

गौरतलब है कि, भारतीय जनता पार्टी ने 2019 के लोकसभा चुनाव के दौरान अपने घोषणा पत्र में समान नागरिक संहिता को शामिल किया था। यह ऐसा मुद्दा है, जो हमेशा से चर्चा में रहा है। बीजेपी का मानना है कि लैंगिंग समानता तभी आएगी, जब यूनिफार्म सिविल कोड को लागू किया जाएगा।

क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता का अर्थ है सभी नागरिकों के लिए एक समान नियम। यानी देश में रहने वाले हर नागरिक के लिए एक समान कानून होगा, वह चाहे फिर किसी भी धर्म या जाति का हो। इसके लागू होने पर शादी, तलाक, जमीन जायदाद के बंटवारे सभी में एक समान ही कानून लागू होगा। जिसका पालन सभी धर्मों के लोगों को करना अनिवार्य होगा।

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