चित्रकूट में आज से शुरू होगा BJP का तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर, 2024 को लेकर बनेगी रणनीति
लखनऊ : उत्तर प्रदेश में 3 महीने पहले संपन्न हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने शानदार जीत हासिल की थी। इस चुनाव के बाद रामपुर और आजमगढ़ में हुए लोकसभा उपचुनाव में भी बीजेपी ने समाजवादी पार्टी को करारी मात देते हुए दोनों सीटों पर जीत हासिल की थी। इसी मोमेंटम को कायम रखने के साथ ही भविष्य की रणनीति यानी 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव में 75 प्लस के टारगेट को कैसे हासिल किया जाएगा इस पर मंथन होगा। हालांकि बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह अपने पद से इस्तीफा दे चुके हैं लेकिन कार्यकारी अध्यक्ष के तौर पर नए प्रदेश के आने तक वह इस जिम्मेदारी का वहन करेंगे। चित्रकूट में बीजेपी का 3 दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग 29 से लेकर 31 जुलाई तक चलेगा। इस बैठक में राष्ट्रीय नेतृत्व के आने की संभावना थी लेकिन सूत्रों की माने तो सीएम योगी इस बैठक के समापन सत्र को संबोधित करेंगे। 3 दिनों के भीतर 15 अलग अलग सत्र आयोजित किए जाएंगे। इसमें प्रदेश स्तर के पदाधिकारी और कैबिनेट मंत्री हिस्सा लेंगे। हालाकि इस बैठक में उत्तर प्रदेश के राज्यमंत्रियों को नहीं बुलाया गया है। इससे एक सवाल भी खड़ा हो रहा है की राज्य मंत्रियों को इस बैठक से दूर क्यों रखा गया है।
उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने अगले आम चुनाव में 75 प्लस सीटें जीतने का टारगेट सेट किया है। बीजेपी को पता है कि केंद्र में तीसरी बार बीजेपी की सरकार बनवानी है तो उत्तर प्रदेश में ज्यादा से ज्यादा सीटें हासिल करना जरूरी है। इस लिहाज से बीजेपी ने अपनी रणनीति को अमली जामा पहनाना शुरू कर दिया है। यूपी में हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा उपचुनाव में मिली शानदार जीत से बीजेपी काफी उत्साहित है। बीजेपी की रणनीतिकारों की माने तो इस जीत ने यूपी में नई संभावनाओं को जन्म दिया है। इस जीत के बाद बीजेपी ने अब हारी हुई सीटों पर अपनी रणनीति बनानी शुरू कर दी है।
बीजेपी के रनीति कारों की माने तो लोकसभा उपचुनाव में मिली जीत के बाद ही बीजेपी ने तय किया था कि उसका अगला टारगेट अब सोनिया गांधी की रायबरेली और मुलायम की मैनपुरी है। ये दोनों सीटें ही बीजेपी के 75 प्लस अभियान का ही हिस्सा हैं। अब बीजेपी इन दोनों सीटों पर फतह हासिल कर अपने टारगेट को पूरा करना चाहेगी। इन बातों को लेकर भी मंथन किया जाएगा। बैठक में केंद्र के कुछ पदाधिकारी भी शामिल रहेंगे जिनका उद्बोधन होगा। इसका लाभ पदाधिकारियों को मिलेगा।
बीजेपी के वर्तमान प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्रदेव सिंह ने बुधवार को अपना इस्तीफा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दिया था। बीजेपी सूत्रों का दावा है कि स्वतंत्रदेव सिंह को इस्तीफा देने के लिए कहा गया था। दरअसल जलशक्ति मंत्री बनने के बाद स्वतंत्रदेव सिंह को विधान परिषद में नेता सदन भी बनाया गया था। उनके पास तीन जिम्मेदारियां थीं। इस लिहाज से वो संगठन को समय नहीं दे पा रहे थे। रही सही कसर दिनेश खटीक के मामले ने पूरी कर दी। खटीक के इस्तीफे के बाद स्वतंत्रदेव सिंह पर इस्तीफा देने का दबाव और बढ़ गया जिसके बाद उनको ये फैसला लेना पड़ा।