निकाय चुनाव : शहरों में दौड़ा भाजपा का ट्रिपल इंजन

गोपाल सिंह पोखरिया
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव, उसके बाद लोकसभा चुनाव और अब उत्तराखंड के निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी के प्रदर्शन ने राज्य की पुष्कर सिंह धामी सरकार के विकास कार्यों पर मुहर लगा दी है। इसकेसाथ ही भाजपा ने इस जीत को वर्ष 2027 के विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखने की तैयारियां तेज कर दी हैं। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने यहां निकाय चुनाव में जीत के बाद पार्टी की ओर से आयोजित अभिनंदन समारोह में इस बात के संकेत दिए कि अब कार्यकर्ताओं को 2027 के चुनाव के लिए तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। नगर निकाय चुनाव में भाजपा का ट्रिपल इंजन ज्यादातर नगर निगमों के मेयर पदों पर सरपट दौड़ा। हालांकि नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों में उसकी रफ्तार धीमी पड़ गई। ऐसे कई निकायों में बगावत कर चुनाव मैदान में चुनौती पेश करने वाले बागियों ने सत्तारूढ़ दल के पसीने छुड़ा दिए। दस नगर निगमों में भाजपा के मेयर बन चुकेहैं। वहीं, श्रीनगर में निर्दलीय प्रत्याशी जीती हैं। श्रीनगर नगर निगम को छोड़ दें तो बाकी दस में से नौ में मेयर पद पर ट्रिपल इंजन सरपट दौड़ता नजर आया। श्रीनगर नगर निगम में भाजपा को शिकस्त का सामना करना पड़ा। वहां भाजपा को हराकर बागी आरती भंडारी मेयर चुन ली गई हैं। शहरों में इस बार की जीत प्रदेश सरकार के कार्यों पर मुहर लगाती है। पार्टी हाईकमान की ओर से प्रधानमंत्री, गृहमंत्री समेत कई केन्द्रीय मंत्रियों ने इस जीत पर धामी सरकार को बधाई दी है।
धामी सरकार ने शहरी क्षेत्रों के विकास के लिए ट्रिपल इंजन का नारा दिया था। विधानसभा चुनावों की भांति वह राज्य के नगर निकायों में भी सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत के रूप में उभरकर सामने आई है। हालांकि पिछले चुनावों की भांति इस बार भी निकायों में निर्दलीयों ने अपनी दमदार उपस्थिति का क्रम जारी रखा। मतगणना के अब तक के परिदृश्य को देखें तो निकाय प्रमुखों के पदों पर जीत के मामले में धामी सरकार आगे अवश्य निकली, लेकिन तमाम निकायों में उसे कांग्रेस व निर्दलीयों ने पसीने भी छुड़ाए। उत्तराखंड में भाजपा व कांग्रेस दोनों ही राष्ट्रीय दलों के लिए निकाय चुनाव साख का प्रश्न बने थे। भाजपा के नजरिये से देखें तो वह यहां वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव से विजयरथ पर सवार है। तब भाजपा ने लोकसभा की सभी पांचों सीटों पर कब्जा जमाया था, तब मोदी लहर के सामने कांग्रेस कहीं टिक नहीं पाई। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का जादू 2017 के विधानसभा चुनावों में चला और भाजपा ने विधानसभा की 70 में से 57 सीटें जीतकर प्रचंड बहुमत हासिल किया। यही नहीं, वर्ष 2019 व 2024 के लोकसभा चुनाव में भी भाजपा यहां की सभी पांच सीटें जीतने में सफल रही तो वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में वह दो-तिहाई बहुमत हासिल कर लगातार दूसरी बार सत्तारूढ़ हुई।
यही नहीं, वर्ष 2018 में हुए निकाय चुनाव में भाजपा का प्रदर्शन बेहतर रहा था, तब पार्टी ने 84 नगर निकायों में से 35 में अपना बोर्ड बनाया था। इनमें पांच नगर निगम भी शामिल थे। ऐसे में भाजपा के सामने इस बार अपने प्रदर्शन से आगे निकलने की चुनौती थी। इसी हिसाब से पार्टी ने अपनी रणनीति बनाई और उसके रणनीतिकारों को भरोसा था कि पार्टी इस बार भी परचम फहराएगी। उसके अनुमान के मुताबिक ही परिणाम भी आए हैं। इस बार भी भाजपा ने कुल 11 में 10 निगमों में जीत दर्ज की है। इसमें देहरादून में भाजपा को 1 लाख 5 हजार मतों के अंतर से एकतरफा जीत हासिल हुई है। अन्य 83 निकाय, जहां भाजपा ने चुनाव लड़ा लड़े उसमें भी 41 सीटों पर जीत दर्ज की है। निकायों में 70 फीसदी से अधिक पार्षदों, सभासदों और वार्ड सीटों पर कमल खिला है। लगभग 65 फीसदी से अधिक मत निकायों में भाजपा जीत हासिल करने में सफल रही है। तीन निकायों में तो भाजपा निर्विरोध जीतने में सफल रही है। और यह सब डबल इंजन सरकार की उपलब्धियों, मुख्यमंत्री धामी से जनता का लगाव और कार्यकर्ताओं के अथक प्रयासों के कारण संभव हुआ है। चुनावी नतीजों से यह बात साफ है कि भाजपा ने अपने पिछले प्रदर्शन से कहीं आगे निकलकर निकायों में सबसे बड़ी राजनीतिक ताकत का रुतबा बरकरार रखा है। कांग्रेस को भी कुछ संबल मिला है। पिछले चुनावों में लगातार हाशिये पर सिमट रही कांग्रेस के लिए यह चुनाव अपनी खोई जमीन को वापस पाने के बड़े अवसर के तौर पर देखा जा रहा था, लेकिन नगर निगमों में वह बेहतर प्रदर्शन करने से चूक गई।
निकायों में क्लीन और ग्रीन सिटी की सोच धरातल पर उतारेंगे : धामी
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेश में निकाय चुनाव प्रक्रिया शांतिपूर्वक ढंग से संपन्न कराने के लिए राज्य निर्वाचन आयोग और निर्वाचन में लगे अधिकारियों और कर्मचारियों का धन्यवाद किया। साथ ही निकाय चुनाव में विजयी प्रत्याशियों को बधाई दी। सीएम धामी ने कहा कि हम मिल-जुल कर प्रदेश को सुंदर और व्यवस्थित बनाने के लिए कार्य करेंगे और नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाएंगे। नगर निकायों के माध्यम से क्लीन और ग्रीन सिटी की सोच धरातल पर उतारेंगे। प्रदेश सरकार बिजली, सड़क, पानी, फुटपाथ, पार्क, ओपन जिम, कूड़ा उठान और उसका निस्तारण समेत अन्य सभी सेवाओं को जनता के द्वार तक पहुंचाने का काम करेगी। भाजपा ने अपने संकल्प-पत्र में नागरिकों को बेहतर सेवाएं देने का जो वादा किया है, उस पर तेजी से कार्य किया जाएगा। सीएम धामी ने कहा, भाजपा के सभी चुने हुए मेयर, नगर पालिका अध्यक्ष, नगर पंचायत अध्यक्ष और पार्षद मिल-जुलकर कस्बों और नगरों को सुंदर बनाएंगे। सीसीटीवी, सोलर, सुरक्षा और प्रकाश व्यवस्था के अभियान को आगे बढ़ाएंगे। निकाय प्रतिनिधियों पर दोहरी जि़म्मेदारी है। उन्हें नागरिकों को बेहतर सुविधाएं देने के साथ पर्यटकों के दृष्टिकोण से भी नगरों को स्वच्छ और सुंदर बनाना है और सुविधाएं जुटानी हैं ताकि देश विदेश से आने वाले पर्यटक यहां से अच्छा संदेश लेकर लौटें।
सौरभ थपलियाल एक लाख से अधिक के अंतर से जीते
एक लाख से भी अधिक मतों से जीतकर सौरभ थपलियाल देहरादून नगर निगम के महापौर चुने गए । प्रदेश के सबसे बड़े और 100 वार्ड वाले देहरादून नगर निगम में भाजपा प्रत्याशी सौरभ थपलियाल ने भाजपा के लिए जीत की परंपरा को बरकरार रखा। वर्ष 2008 से लगातार देहरादून के महापौर की सीट भाजपा के पास रही है। प्रदेश के सभी निगमों में भी यह सबसे बड़ी जीत मानी जा रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के करीबी माने जाते हैं सौरभ थपलियाल। सौरभ थपलियाल को कुल 241778 मत प्राप्त हुए जबकि दूसरे नम्बर पर रहे कांग्रेस प्रत्याशी विरेन्द्र पोखरियाल 136483 मत ले पाए। वहीं, 9607 मत पाकर निर्दलीय सरदार पप्पू खान तीसरे नम्बर पर रहे जबकि चुनाव में कड़ी टक्कर का दम भर रही आम आदमी पार्टी महज 2464 मत प्राप्त कर सकी। आम आदमी पार्टी से अधिक मत नोटा को प्राप्त हुए। हैरानी की बात यह भी है कि जहां से कांग्रेस पार्षद जीते वहां से भी महापौर के प्रत्याशी विरेंद्र पोखरियाल को बढ़त मिलती नहीं दिखी।