नई दिल्ली : तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने प्रमुख नेताओं के साथ सतत अभियान की रणनीति बनाई है। इसके तरह उसके केंद्रीय नेता लगातार राज्य का दौरा करेंगे। प्रदेश के नेता मंडल, जिला से लेकर प्रदेश स्तरीय बैठकें, सम्मेलन और यात्राएं कर जनता के बीच अपनी पैठ मजबूत करने की कोशिश करेंगे। बीते दिनों हैदराबाद में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद भाजपा ने तेलंगाना के लिए अपनी रणनीति को अमलीजामा पहनाना शुरू कर दिया है। इसके तहत बड़े नेता लगातार राज्य का दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के साथ जनता के बीच भाजपा की पैठ बढ़ाने का काम करेंगे। हाल में एक सप्ताह के भीतर गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने तेलंगाना का दौरा किया है। अगले महीने भी भाजपा के केंद्रीय नेताओं के दौरे होंगे। इसके अलावा केंद्रीय मंत्री भी अपने विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में पहुंचेंगे।
भाजपा की कोशिश दक्षिण में अपने विस्तार में कर्नाटक के बाद तेलंगाना में सत्ता हासिल करना है। इसके लिए वह राज्य में मौजूदा सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति के खिलाफ सरकार विरोधी माहौल को अपने पक्ष में करने के साथ कमजोर कांग्रेस के स्थान पर अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रही है। पार्टी नेतृत्व ने हाल में तेलंगाना से आने वाले पिछड़ा वर्ग के नेता के लक्ष्मण को राष्ट्रीय स्तर पर काफी महत्व दिया है। उनको ओबीसी मोर्चा का अध्यक्ष बनाने के साथ उत्तर प्रदेश से राज्यसभा में लाया गया और पार्टी की सर्वोच्च नीति निर्धारक संस्था संसदीय बोर्ड का सदस्य भी बनाया है। इसके अलावा तेलंगाना से ही आने वाले केंद्रीय मंत्री जी किशन रेड्डी कई अहम मंत्रालय संभाल रहे हैं।
गौरतलब है कि तेलंगाना में भाजपा ने तेजी से विस्तार किया है। दिसंबर 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में राज्य की 119 सीटों में भाजपा 100 पर अपनी जमानत भी नहीं बचा पाई थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में उसने चार सीटें जीत कर काफी बेहतर प्रदर्शन किया था। उस समय टीआरएस को नौ, एआईएमआईएम को एक और कांग्रेस को तीन सीटें मिली थी। इसके बाद हुए प्रतिष्ठा वाले विधानसभा उपचुनाव में पार्टी को जीत मिली। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम में भी भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है।