काले नमक का सेवन सेहत के लिए लाभकारी होता है। काला नमक चट्टानों से निकाला जाता है इसलिए इसे रॉक सॉल्ट भी कहते हैं। काले नमक के फायदे अनेक है इसे हिमालय के क्षेत्रों से प्राप्त किया जाता है इसलिए इसे हिमालयान रॉक सॉलट भी कहा जाता है।काले नमक का सेवन सफेद नमक की तुलना में ज्यादा उपयोगी होता है क्योंकि काला नमक कृत्रिम रुप से आयोडीनाइज नहीं किया जाता है।वैसे तो डॉक्टर्स और डायटीशियन्स अक्सर नमक कम खाने की सलाह देते हैं। साथ ही यह भी कहते हैं कि समुद्री नमक को सलाद और दूसरी चीजों में ऊपर से मिलाकर ना खाएं।यदि इस तरह नमक मिलाकर खाना ही है तो काला नमक या पिंक सॉल्ट मिलाकर खाएं। यहां जानें आखिर ऐसी सलाह क्यों दी जाती है।आयुर्वेद के अनुसार काला नमक स्वास्थ्य के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है। बहुत सी स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने के लिए आयुर्वेद में काले नमक को औषधी के रूप में इस्तेमाल किया जाता है। आइए जाने काले नमक के फायदे क्या होते हैं-
काला नमक शरीर को ठंडा करता है। यह आयुर्वेदिक दवाओं और उपचार में काफी प्रयोग किया जाता है। काला नमक चिकित्सीय लाभ से भरपूर होता है।
काला नमक पाचन के लिए अच्छा मानाा जाता है। अगर आपको पाचन से जुड़ी समस्या है, तो काला नमक का सेवन करें। इसके साथ-साथ काले नमक से कब्ज, पेट फूलना जैसी समस्याओं से राहत मिलता है।
काला नमक आयरन और मिनरल्स से भरपूर होने के साथ ही कई तरह औषधीय गुण अपने आपमें समेटे हुए होता है। क्योंकि यह हिमालय पर्वत की श्रृंखलाओं से प्राप्त किया जाता है। समुद्री नमक में यानी सफेद नमक में सोडियम बहुत अधिक मात्रा में होता है। साथ ही इसमें पोटैशियम आयोडेट और एल्यूमिनियम सिलिकेट जैसे तत्व भी पाए जाते हैं। जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं।
यही कारण है कि आयुर्वेदाचार्यों सहित अन्य पेथियों के डॉक्टर्स भी नमक कम खाने की सलाह देते हैं। साथ ही सफेद नमक को सैलेड में ऊपर से छिड़ककर खाने के लिए मना किया जाता है। सफेद नमक के अधिक सेवन से जहां बीपी और हार्ट जैसी समस्याएं हो सकती हैं। वहीं काला नमक पाचन तंत्र को अच्छा करता है और हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है।
यदि आपके पेट में दर्द हो रहा है या मरोड़ हो रही है तो थोड़ी-सी (मौसम के हिसाब से) अजवायन लेकर उसके साथ काला नमक मिलकर धीर-धीरे चबाकर खाएं।अजवायन के कारण स्वाद थोड़ा कड़वा जरूर लग सकता है लेकिन दवाई ना होने की स्थिति में यह पेट दर्द और मरोड़ को शांत करने का प्रभावकारी उपाय है।
गर्मियों में लोगों को आंतों से जुड़ी समस्याएं होने लगती है, अगर आप भी इस समस्या से पीड़ित हैं, तो पेय पदार्थों में काला नमक डालकर पीएं ऐसा करने से आपकों आंतों और गैस से जुड़ी समस्या से राहत मिलेगी।
काले नमक का सेवन करने से शुगर क्रेविंग कम होती है क्योंकि यह इंसुलिन को फिर से एक्टिव कर देता है। इससे बार-बार मीठा खाने का मन नहीं होता इसलिए वजन कम करने के लिए नमक का सेवन लाभकारी होता है।
कोशिकाएं मिनरल्स का अवशोषण करती है, ब्लैक साल्ट में मिनरल्स होते हैं सात ही यह शरीर के pH को भी बैलेंस करता है। जिससे रक्त संचरण बढ़ता है साथ ही मिनरल बैलेंस भी हो जाता है जिससे टॉक्सिन्स बाहर निकल जाते हैं।
जिन लोगों को जोड़ो में दर्द या अकड़न की समस्या रहती है, उनके उपचार के लिए काले नमक से सिकाई भी की जाती है।
हालांकि यह सिकाई किसी योग्य वैद्य के परामर्श के बाद ही करनी चाहिए। ताकि आपकी स्थिति के अनुसार वह आपको यह बता सकें कि कितनी बार सिकाई से आपको लाभ होगा और कितने दिन करनी होगी।
जो व्यक्ति नियमित रूप से सलाद या अन्य खाद्य पदार्थों में काले नमक का उपयोग करते हैं, उन्हें गैस और कब्ज की समस्या कम ही होती है। यदि होती भी है तो आमतौर पर इसका कारण कोई अन्य रोग होता है।
काला नमक हमारी पाचन शक्ति को बढ़ाता है। इसके नियमित उपयोग से हमें शारीरिक और मानसिक रूप से आराम मिलता है। क्योंकि यह हैपी हॉर्मोन्स को बढ़ाता है और नसों की पीड़ा शांत कर शारीरिक रूप से लाभ देता है।
साथ ही काला नमक सेराटोनिन हॉर्मोन को भी बढ़ाता है। यह हमें तनावमुक्त रखने का कार्य करता है। जब हम तनाव मुक्त रहते हैं और पूरी नींद लेते हैं तो ब्रेन और मेमोरी से जुड़े अधिकांश रोग हमसे दूर रहते हैं।
काला नमक खाने से सीने में हो रही जलन कम होती है।