इंफाल : मणिपुर के इंफाल को असम के सिलचर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-37 को जाम कर प्रदर्शन कर रहे जनजातीय समूहों को हटाकर राजमार्ग लगभग खाली करा लिया गया है, जिससे आवश्यक वस्तुओं से भरे 171 ट्रकों की आवाजाही सुनिश्चित हो पाई। पुलिस ने यह जानकारी दी।इंफाल को नगालैंड के दीमापुर से जोड़ने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग-2 पर जनजातीय संगठनों का प्रदर्शन अब भी जारी है जिससे मार्ग अवरुद्ध है।
जनजातीय एकता समिति ने मणिपुर के पर्वतीय इलाकों में कुकी-जो समुदायों को आवश्यक वस्तुओं की पर्याप्त आपूर्ति की मांग करते हुए सोमवार को कांगपोकपी में एनएच-2 और तमेंगलोंग जिले में एनएच-37 पर कुछ स्थानों पर फिर से नाकेबंदी की थी। पुलिस ने एक बयान में कहा, ”एनएच-37 पर आवश्यक वस्तुओं के साथ 171 वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित की गई है।”
इसमें कहा गया है कि सभी संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के सख्त उपाय किए गए हैं और वाहनों की स्वतंत्र और सुरक्षित आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए संवेदनशील हिस्सों में सुरक्षा काफिला उपलब्ध कराया गया है।
पुलिस ने कहा कि आगजनी की एक घटना के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिसमें एक दिन पहले इंफाल पश्चिम में खाली पड़े चार मकानों और एक सामुदायिक हॉल को जला दिया गया था, जबकि कई जिलों में तलाशी अभियान के दौरान हथियार और गोला-बारूद जब्त किए गए थे।
पुलिस ने कहा, ”20 और 21 अगस्त की मध्यरात्रि में अज्ञात बदमाशों ने इंफाल पश्चिम जिले के लांगोल में खाली पड़े चार मकानों, एक झोपड़ी और एक सामुदायिक हॉल में आग लगा दी। आगजनी के सिलसिले में छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है।”
सुरक्षा बलों ने इंफाल पश्चिम और पूर्व, थोउबल, काकचिंग, चुराचांदपुर, तेंगनौपाल कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों के सीमांत और संवेदनशील इलाकों में तलाशी अभियान चलाया।पुलिस ने कहा, ”इंफाल पूर्व, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों से सात हथियार और 81 गोला-बारूद बरामद किए गए।”
मणिपुर के पर्वतीय और घाटी दोनों क्षेत्रों के विभिन्न जिलों में कुल 129 चौकियां स्थापित की गईं और पुलिस ने राज्य भर में कानूनों के उल्लंघन के आरोप में 1,369 लोगों को हिरासत में लिया।