नई दिल्ली : गर्मियों में लीची खाना अधिकतर लोगों को काफी पसंद होता है। कोई इसे ऐसे ही खाना पसंद करता है, तो कोई स्मूदी या जूस बनाकर पीना पसंद करता है। लेकिन आपको ये जान कर हैरानी होगी कि ज्यादा लीची खाने से तबीयत भी खराब हो सकती है।
जी हां, दरअसल, लीची में कुछ छिपे हुए कीड़े पॉइजनिंग और एलर्जी का कारण बन सकते हैं। इसके अलावा ये अन्य प्रकार से भी आपको नुकसान पहुंचा सकते हैं। लीची में मौजूद एक जहरीला पदार्थ एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम का कारण भी बनता है, जिसे चमकी बुखार या दिमागी बुखार भी कहते हैं। इस बुखार की वजह से मस्तिष्क में सूजन आ जाती है। एईएस के लक्षणों में बुखार, उल्टी और बेहोशी या दौरे की शुरुआत शामिल है। हर साल लीची खाने से चमकी बुखार के कई मामले सामने आते हैं।
लीची में छिपे हुए माइक्रोब्स फूड पॉइजनिंग और एलर्जी का कारण बनते हैं। खराब लीची को खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती हैं। कई बार इससे एलर्जी हो सकती है जैसे कि शरीर पर लाल चकते और रैशेज।
खाली पेट लीची के खाने से इसमें मौजूद विषाक्त सेहत को नुकसान पहुंचा जा सकता है। इस फल में पाया जाने वाला मेथिलीन साइक्लोप्रोपाइल-ग्लाइसिन, एक रसायन है जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है और पेट में एसिडिटी, ब्लोटिंग और बदहजमी का कारण बनता है।
लीची का साइक्लोप्रोपाइल-ग्लाइसिन ब्लड शुगर को लो करने के लिए जाना जाता है। मतलब खाली पेट लीची खाने से अचानक से आपके ब्लड शुगर को लो कर सकती है। इसलिए जो लोग लीची खा रहे हैं उन्हें इस बात का खास ध्यान रखना चाहिए।
छोटे बच्चों को ज्यादा लीची ना खिलाएं। इसे खाने से पेट में दर्द और शरीर पर लाल-लाल दाने हो सकते हैं। साथ ही कई बार ये दिमागी बुखार का भी कारण बन सकता है। अगर आप भी लीची खाने जा रहे हैं तो ताजी लीची का चुनाव करें और फिर इसे छिलने के बाद देखें कि कहीं इसमें कोई कीड़ा तो नहीं है। साथ ही अगर खाने के बाद शरीर में कोई समस्या दिखे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाएं और उनसे संपर्क करें।