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पेपर लीक के बाद BPSC 67वीं परीक्षा हुई रद्द, साइबर सेल को सौंपी जांच

पटना। बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं संयुक्त प्रतियोगी प्रारंभिक परीक्षा पेपर लीक होने के कारण रद्द कर दी गई है। आयोग ने डीजीपी से अनुरोध कर पेपर सोशल मीडिया में वायरल होने के मामले की जांच साइबर सेल से कराने का आग्रह किया है। इससे पहले, कथित तौर पर पेपर लीक का मामला सामने के बाद आयोग की ओर एक तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। समिति को 24 घंटे में रिपोर्ट सौंपने को कहा गया था, लेकिन जानकारी के अनुसार, समिति ने महज तीन घंटे में ही रिपोर्ट सौंप दी और परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश कर दी है। मामले को लेकर अब सियासत भी शुरू हो गई है। आरजेडी नेता तेजस्वी यादव (RJD leader Tejashwi Yadav) ने बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर बिहार लोक पेपर लीक आयोग करने का सुझाव देते हुए तंज कसा है।

सोशल मीडिया पर दावा किया जा रहा है कि परीक्षा में मिला पेपर, टेलीग्राम और व्हाट्सएप (telegram and whatsapp) पर वायरल हो रहे पेपर के जैसा ही है। यानी कि पेपर परीक्षा से पहले ही लीक हो गया था। इसे लेकर जहां उम्मीदवारों में व्यापक नाराजगी देखने को मिल रही है। वहीं आयोग ने रविवार दोपहर तक इसे पेपर लीक मानने से इनकार कर दिया था। साथ ही, मामले की जांच कराने की बात कहते हुए इसके लिए एक तीन सदस्यीय जांच समिति बनाई थी।

उम्मीदवारों ने बताया कि परीक्षा केंद्र के संचालकों ने उनसे कहा कि उनका पेपर देरी से शुरू होगा, जबकि परीक्षा केंद्र पर ही दो अलग कमरों में कुछ उम्मीदवारों को परीक्षा दिलाई जा रही थी। इतना ही नहीं, नाराज प्रदर्शनकारी उम्मीदवारों ने दावा किया कि उन दोनों कमरों के दरवाजे बंद करके रखे गए थे। उन कमरों में मौजूद उम्मीदवारों के पास मोबाइल फोन भी थे। इनके परीक्षा देते हुए वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं।

बिहार लोक सेवा आयोग के अधिकारियों से हुई बातचीत के अनुसार, आयोग ने फिलहाल इसे पेपर लीक मानने से इनकार किया है। आयोग की ओर से मामले की जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई गई है। यह जांच समिति 24 घंटे में जांच रिपोर्ट बीपीएससी के चेयरमैन को सौंपेगी। इसके बाद ही आयोग कथित पेपर लीक को लेकर अपना आधिकारिक बयान जारी करेगा। हालांकि, इसके उलट समिति ने तीन घंटे में ही परीक्षा निरस्त करने की सिफारिश कर दी है और जानकारी के अनुसार, आयोग के चेयरमैन ने इस पर सहमति भी दे दी है।

इससे पहले रविवार, आठ मई की सुबह परीक्षा शुरू होने के बाद भोजपुर जिले में आरा के वीर कुंवर सिंह परीक्षा केंद्र पर उम्मीदवारों ने कथित तौर पर पेपर लीक करने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया। उम्मीदवारों का आरोप था कि परीक्षा केंद्र संचालकों ने कुछ परीक्षार्थियों को समय से पहले ही परीक्षा कक्ष में प्रवेश दे दिया था और उनके पास मोबाइल फोन भी मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, इन्हीं परीक्षार्थियों के द्वारा पेपर सोशल मीडिया पर लीक किए गए हैं। बीपीएससी के सूत्रों ने भी यहीं से पेपर लीक के संकेत दिए हैं।

बीपीएससी परीक्षा के दौरान कुछ उम्मीदवारों को अलग से विशेष कमरे में बैठाकर पेपर दिलाने का मामला सामने आने के बाद उम्मीदवारों में रोष फैल गया। बड़ी संख्या में उम्मीदवारों ने हंगामा शुरू कर दिया और उन कमरों में घुस कर पहले परीक्षा दे रहे उम्मीदवारों की उत्तर पुस्तिकाओं को छीन लिया एवं फाड़ दिया। घटनाक्रम की जानकारी मिलने पर भोजपुर के जिलाधिकारी रोशन कुशवाहा मौके पर पहुंचे और सभी प्रश्न पत्रों को सील करवाते हुए नाराज छात्रों से लिखित में शिकायत देने को कहा। वहीं, पेपर लीक मामले को लेकर सियासत भी शुरू हो गई है। बिहार विधानसभा में नेता विपक्ष और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार के करोड़ों युवाओं और अभ्यर्थियों का जीवन बर्बाद करने वाले बिहार लोक सेवा आयोग का नाम बदलकर अब “बिहार लोक पेपर लीक आयोग” कर देना चाहिए।

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