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आयुर्वेद में कई रोगों के इलाज में किया जाता है ब्राह्मी का इस्तेमाल

नई दिल्ली : ब्राह्मी भारत में एक बहुत लोकप्रिय जड़ी बूटी है। आयुर्वेद में इसे एक औषधीय जड़ी बूटी माना गया है। आयुर्वेद के अनुसार इसमें तनाव और चिंता को कम करने वाले गुण होते हैं। इतना ही नहीं, इसे दिमाग तेज करने वाला टॉनिक माना जाता है। इसे गोटू कोला के रूप में भी जाना जाता है, इस पौधे का नाम ब्राह्मण से लिया गया है, जो चेतना का संस्कृत नाम है। यह नाम किसी व्यक्ति की चेतना या दिमाग पर इस जड़ी बूटी के प्रभाव को दर्शाता है।

ब्राह्मी के अन्य नाम सेंटेला एशियाटिक और बकोपा मोनेरी हैं। यह पौधा गोल आकार की पत्तियों वाला एक छोटी बेल की तरह दिखने वाला है। इसके पत्तों की बनावट भी दिमाग के आकार की तरह है। आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल कई रोगों के इलाज में किया जाता है। इसमें दिमाग के कामकाज में सुधार करने की क्षमता होती है। इसके अलावा इसमें तंत्रिका तंत्र को भी शांत करने, खून को साफ करने, त्वचा और बालों के स्वास्थ्य में सुधार करने के भी गुण होते हैं।

इसमें दिमाग शांत करने के गुण होते हैं और यह दिमाग के कामकाज में सुधार करने में सहायक है। यह मस्तिष्क सोचने-समझने की शक्ति को बेहतर बनाने के साथ व्यक्ति की बुद्धि को तेज करता है। 2020 के एक शोध अध्ययन के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि दिन में दो बार (प्रति दिन 300 मिलीग्राम की खुराक) लेने से दिमागी कामकाज में सुधार हुआ।

ब्राह्मी में मौजूद यौगिक शरीर में कोर्टिसोल लेवल को कम करके मूड को बेहतर बनाते हैं। कोर्टिसोल तनाव हार्मोन है। यह शरीर में सेरोटोनिन या हैप्पी हार्मोन का लेवल भी बढ़ाती है और इस तरह तनाव से राहत देती है।

ब्राह्मी में शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट होते हैं और इसके सेवन से शरीर को हानिकारक फ्री रैडिकल सेल्स से बचाया जा सकता है। फ्री रेडिकल्स मानव शरीर के लिए हानिकारक होते हैं और हृदय रोग, डायबिटीज और विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसी कई बड़ी बीमारियों से जुड़े होते हैं।

सूजन कभी-कभी शरीर के लिए हानिकारक होती है। इससे लड़ने के लिए अगर आप प्राकृतिक तरीका खोज रहे हैं, तो जड़ी बूटी आपके लिए किफायती है। ध्यान रहे कि सूजन कई प्रकार के कैंसर से जुड़ी है। इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए ब्राह्मी के पत्ते किसी दवा से कम नहीं है। बेशक यह गंभीर स्थिति है जिसके लिए तुरंत मेडिकल हेल्प की जरूरत होती है लेकिन ब्राह्मी के पत्तों का सेवन रक्तचाप को कम करता है। इस पौधे की पत्तियों का सेवन सिस्टोलिक और डायस्टोलिक ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है। कुछ जानवरों के अध्ययन में पाया गया है कि ब्राह्मी के पत्ते नाइट्रिक ऑक्साइड छोड़ते हैं जो रक्त वाहिकाओं को फैलाते हैं और रक्त के प्रवाह में सुधार करते हैं।

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