कोरोना वायरस के चलते ब्रज की मशहूर जन्माष्टमी का रंग फीका
मथुरा : कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते इस बार ब्रज की मशहूर जन्माष्टमी के रंग को फीका कर दिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए सरकार द्वारा लगाए गए लाॅकडाउन के बाद अभी तक ब्रज के दो मंदिरों को छोड़कर सभी मंदिर बंद है। केन्द्र सरकार द्वारा मंदिरों को खोलने की इजाजत देने के बावजूद द्वारकाधीश मंदिर एवं श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर स्थित मंदिरों को छोड़कर किसी भी मंदिर को नही खोला गया है।
ब्रज के अधिकांश मंदिर ऐसे हैं जहां का विगृह स्वयं प्राकट्य है जिसका तात्पर्य यह है इन मंदिरों में भक्तों को ठाकुर का ऐसा आशीर्वाद मिलता है जो अन्य दुर्लभ होता है यही कारण है देश के कोने कोने से श्रद्धालु इन मंदिरों की ओर चुम्बक की तरह खिंचे चले आते हैं। राधारमण मंदिर वृन्दावन का विगृह भी स्वयं प्राकट्स है। मंदिर के सेवायत आचार्य दिनेश चन्द्र गोस्वामी ने शनिवार को यहां कहा कि मंदिर का प्रशासन भक्तों और भगवान के बीच की दूरी को बढ़ाना नही चाहता लेकिन मंदिर को खोले जाने से श्रद्धालुओं की भीड़ से सामाजिक दूरी को बनाये रखने के नियम का पालन नही कराया जा सकता। उन्होंने कहा कि वे स्वयं इस पक्ष में हैं कि भक्त और भगवान के बीच की दूरी नही होनी चाहिए लेकिन हर मंदिर में इतना पुलिस बल नही लगाया जा सकता।
आचार्य गोस्वामी ने कहा कि जन्माष्टमी पर मंदिर में लगभग चार घंटे से अधिक देर तक चलने वाला अभिषेक दुर्लभ होता है तथा मान्यता यह है कि जिसने इस दुर्लभ अभिषेक की एक झलक भी पा ली उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। इस बार इस अनूठे पूजन के दर्शन से भक्त वंचित रहेंगे। वैसे यह सुखद संयोग है कि इस बार ब्रज के सभी मंदिरों में जन्माष्टमी 12 अगस्त को मनाई जा रही है। मंदिरों के खोलने की केन्द्र व उत्तर प्रदेश सरकार की इजाजत के बाद श्रीकृष्णजन्मस्थान स्थित सभी मंदिर और द्वारकाधीश मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया गया था। उम्मीद की जाती थी कि श्रद्धालु कम से कम इन मंदिरों में ठाकुर के दर्शन कर सकेंगे।
द्वारकाधीश मंदिर के मीडिया एवं विधि प्रभारी राकेश तिवारी एडवोकेट के अनुसार जन्माष्टमी और नन्दोत्सव पर मंदिर बंद रहेगा । उन्होंने बताया कि मंदिर के प्रबंधतंत्र के प्रमुख गोस्वामी ब्रजेश कुमार के आदेश के अनुपालन में मंदिर में जन्माष्टमी की पूर्व बेला यानी 11 अगस्त को 10 बजे से 11 बजे के राजभोग के दर्शन के बाद मंदिर श्रद्धालुओं के लिए 13 अगस्त तक बंद रहेगा। श्रद्धालुओं को 14 अगस्त को 10 बजे ही दर्शन होंगे।
जिलाधिकारी सर्वज्ञराम मिश्र द्वारा विभिन्न प्रमुख मन्दिरों के पदाधिकारियों के साथ की गई बैठक एवं सुझाव लेने के पश्चात यह निर्णय लिया गया है कि कोविड-19 महामारी के मद्देनजर 11 से 13 अगस्त तक मनाये जाने वाले कृष्ण जन्माष्टमी के विभिन्न उत्सवों में न केवल बाहर से आने वाली भीड़ प्रतिबन्धित रहेगी बल्कि स्थानीय श्रद्धालु भी इन तिथियों में ठाकुर के दर्शन नही कर सकेंगे। मन्दिरों के अन्दर होने वाले पूजा कार्यक्रम परम्परागत आयोजित किये जायेंगे। इस पूजा कार्यक्रम के दौरान मन्दिर प्रबंधन द्वारा कोविड-19 की गाइड लाइन/प्रोटोकाॅल का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सोशल डिस्टेंसिंग, फेस मास्क व सेनेटाइजर का प्रयोग कराया जाना आवश्यक होगा।
जिलाधिकारी ने बताया कि सचिव श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने अपने पत्र दिनांक 30 जुलाई एवं चार अगस्त के द्वारा वैश्विक महामारी कोरोना से उत्पन्न परिस्थितियों के दृष्टिगत श्रद्धालुओं का प्रवेश 10 अगस्त की दोपहर 12 बजे से 13 अगस्त को तीन बजे तक प्रतिबन्धित रखने का उल्लेख किया है। प्रबन्धक प्रशासन मन्दिर ठाकुर श्री बांके बिहारी जी महाराज वृन्दावन ने अपने पत्र 31 जुलाई द्वारा मन्दिर भवन के फर्श के जीर्णोद्वार एवं कोरोना वायरस के संक्रमण के प्रसार रोकने का उल्लेख करते हुए मन्दिर के पट दर्शनार्थियों के लिये 30 सितम्बर तक बन्द रखने का उल्लेलख किया है।
उन्होंने बताया कि इसी श्रंखला में सचिव जगदगुरू कृपालु परिषद श्यामा श्याम धाम ने अपने पत्र एक अगस्त में कोविड-19 महामारी की विभीषिका के दृष्टिगत प्रेम मन्दिर वृन्दावन को एक से 31 अगस्त तक अथवा अगामी आदेश तक सार्वजनिक दर्शन बन्द रखने का उल्लेख किया है। उनका कहना था कि श्री कृष्ण जन्माष्टमी महोत्सव में न सिर्फ आस-पास के जनपदों बल्कि विभिन्न प्रान्तों से लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं। इस महोत्सव में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ एकत्रित होने पर सोशल डिस्टेंसिंग का अनुपालन भी संभव नहीं हो सकेगा, जिससे महामारी के तीव्र गति से फैलने की संभावना से इन्कार नहीं किया जा सकता है, जो लोक स्वास्थ्य के हित में नहीं होगा।
उन्होंने बताया कि महामारी अधिनियम-1987 की धारा-2 के अधीन उत्तर प्रदेश चिकित्सा अनुभाग-2 द्वारा जारी अनुसूचना/नियमावली 14 मार्च 2020 द्वारा जिला प्रशासन को रोग के फैलाव की रोकथाम के लिये अधिकृत भी किया गया है। इस साल ब्रज की जन्माष्टमी में एक प्रकार से ग्रहण लग गया है जिसके कारण जगह जगह भंडारे भी नही लग सकेंगे और ना ही जन्माष्टमी मेला लग सकेगा। समाजसेवी एवं ब्रज संस्कृति के संरक्षक एवं संवद्धक शंकरलाल चतुर्वेदी का मानना है कि करोना वायरस के संक्रमण के बावजूद इस बार ब्रज की जन्माष्टमी इतिहास होगी।