BREAKING NEWS: कानपुर हत्याकांड की जांच करेगी SIT, 31 जुलाई तक देनी होगी रिपोर्ट
लखनऊ, 11 जुलाई, दस्तक (ब्यूरो): कानपुर गोलीकांड की जांच के लिए अब एसआईटी का गठन किया गया है। कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की गैंगस्टर विकास दुबे और उसके साथियों ने हत्या की थी। इस मामले की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। एसआईटी को इस महीने के अंत तक जांच पूरी करके रिपोर्ट शासन को सौंपनी है।
अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी गठित
संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता वाली इस एसआईटी में अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उपमहानिरीक्षक जे. रवींद्र गौड़ को भी शामिल किया गया है। एसआईटी के जरिए घटना से जुड़े विभिन्न प्रकरण की जांच की जाएगी। साथ ही 31 जुलाई 2020 तक एसआईटी को जांच रिपोर्ट शासन को सौंपनी होगी। एसआईटी के जरिए विकास दुबे और पुलिस के रिश्तों के साथ उस पर अब तक एक्शन न होने के कारणों की भी जांच की जाएगा। इसके अलावा विकास दुबे के एक साल के कॉल रिकॉर्ड की भी जांच होगी। एसआईटी के जरिए जांच की जाएगी कि विकास दुबे के खिलाफ अब तक जितने भी मामले थे, उन पर कितनी प्रभावी कार्रवाई की गई। इसके अलावा विकास दुबे के खिलाफ आई शिकायतों पर थानाध्यक्ष चौबेपुर और जनपद के अन्य अधिकारियों के जरिए क्या जांच की गई और क्या कार्रवाई की गई, इसकी रिपोर्ट भी सौंपी जाएगी। साथ ही विकास दुबे और उसके साथियों के संपर्क में आए सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ सबूत मिलने के बाद कड़ी कार्रवाई की सिफारिश करने के निर्देश भी दिए गए हैं। वहीं एसआईटी के जरिए इस तथ्य की भी जांच की जाएगी कि घटना वाले दिन अभियुक्तों के पास उपलब्ध हथियारों को लेकर सूचना की लापरवाही किस स्तर पर हुई और क्या थाने में इसकी पूरी जानकारी थी या नहीं। इसकी जांच कर दोषियों का पता लगाया जाएगा।
एसआईटी के जरिए इनकी भी होगी जांच
- विकास दुबे पर जितने मामले दर्ज थे क्या उस पर सही जांच हुई थी या नहीं। विकास और उसके साथियों को सजा दिलाने के लिए एक्शन ठीक से लिया गया था या नहीं।
- विकास के आपराधिक इतिहास को देखते हुए उसके जमानत को निरस्त करने के लिए कोई एक्शन लिया गया था या नहीं।
- चौबेपुर थाने में कितनी शिकायत विकास दुबे के खिलाफ आई थी और क्या एक्शन लिया गया था।
- एसआईटी विकास दुबे की एक साल की फोन कॉल की सीडीआर निकलेगी और जांच करेगी। एक साल में जितने भी पुलिसवाले उसके संपर्क में थे सबकी जांच होगी। दोषी पाए जाने पर कड़ा एक्शन लिया जाएगा।
- विकास दुबे और उसके साथियों पर मामले दर्ज थे, उसके बावजूद हथियार का लाइसेंस कैसे बना, किसने दिया? लगातार क्राइम करते रहने के बावजूद भी लाइसेंस रद्द क्यों नहीं हुआ और हथियार कैसे उसके पास रहा, इसकी भी जांच होगी।
- विकास दुबे और उसके साथियों की प्रॉपर्टी की जांच होगी, आर्थिक गतिविधियों की जांच होगी। स्थानीय पुलिस की इस मामले में क्या लापरवाही, ढिलाई या मिलीभगत थी इसकी भी जांच होगी।
- विकास दुबे ने कितनी अवैध सरकारी, गैर सरकारी जमीन कब्जा की थी इसकी जांच होगी, इसमें शामिल अधिकारियों की भी जांच होगी।