स्पेशल किट से अब घर बैठे स्तन कैंसर का चलेगा पता
नई दिल्ली: महिलाओं में स्तन कैंसर आज की बड़ी समस्या है इसके समाधान को लेकर एक अच्छी खबर आ रही है। अपोलो कैंसर सेंटर और दातार कैंसर जेनेटिक्स ने साथ मिलकर एक किट लॉन्च करने की घोषणा की है। जिसके जरिये ब्लड टेस्ट करके बिना किसी लक्षण वाले मरीज में भी ब्रेस्ट कैंसर का सटीक पता लगाया जा सकता है। इस किट का नाम इजीचेक-ब्रेस्ट रखा गया है। बेहद कम मात्रा में ब्लड सैंपल लेकर इजीचेक-ब्रेस्ट किट से स्तन कैंसर का पता लगाया जा सकता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक 40 वर्ष से ऊपर की महिलाओं में इस टेस्ट के जरिये ब्रेस्ट कैंसर के फर्स्ट स्टेज का पता लगाया जा सकता है। बता दें कि इस डायग्नोस्टिक टेक्निक का इस्तेमाल पहले से ही यूरोप सहित 15 देशों में किया जा रहा है।
विशेषज्ञों की टीम के मुताबिक इसके जरिये किये गए ब्लड टेस्ट का रिजल्ट 99 फीसदी तक सही है। दातार कैंसर जेनेटिक्स लिमिटेड के निदेशक डॉ. चिरंतन बोस ने कहा कि कैंसर के मामले लगातार भारत में मिल रहे हैं। हालांकि इलाज का खर्च और मरीज की देखरेख एक बड़ी चिंता है। हम इस चिंता को केवल इस तरह ही दूर कर सकते हैं कि कैंसर को प्रारंभिक स्टेज में ही पकड़ लिया जाए। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआती स्टेज में ही पहचान जाएं तो इलाज के खर्च को कम किया जा सकता है। साथ ही सुरक्षित बचने की मौका भी बढ़ेगा। बता दें कि पिछले साल नवंबर महीने में विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूएस फूड व ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने अधिक क्लिनीकल ट्रायल को देखते हुए इस ब्लड टेस्ट को अप्रूव किया था। चिकित्सक ने बताया कि डब्ल्यूएचओ को क्लिनीकल ट्रायल सब्मिट किया गया था। इस परीक्षण में ब्रेस्ट कैंसर संबंधित डाटा एकत्रित किया गया था, जिसमें 8000 ऐसी महिलाएं थीं, जिनमें ब्रेस्ट कैंसर का कोई लक्षण नहीं था। करीब 12 महीने तक उनकी निगरानी की गई। इस केस की स्टडी हमारी वेबसाइट पर भी मौजूद है।
स्टडी यह दर्शाती है कि शुरुआती दौर से लेकर पहले स्टेज के कैंसर को 99 फीसदी एक्यूरेसी के साथ पहचान लिया था। महिलाएं केवल 6 हजार रुपये में अपने ब्रेस्ट कैंसर का पता लगा सकती हैं। वहीं चिकित्सकों ने यह भी सलाह दी है कि अगर इस टेस्ट के जरिये महिलाओं की रिपोर्ट निगेटिव आती है तो फिर भी उन्हें एक बार डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। वहीं जिन महिलाओं की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उन्हें आगे की जांच के लिए डॉक्टरों से संपर्क करना चाहिए।