स्वास्थ्य

सेहत के लिए फायदेमंद है ब्रीदिंग एक्सर्साइज

जब बात एक्सर्साइज की आती है तो ज्यादातर लोगों को लगता है कि जिम में जाकर वर्कआउट करना, रनिंग, साइक्लिंग, स्वीमिंग या फिर इस तरह की कोई भी ऐक्टिविटी जिसमें ज्यादा मेहनत लगे वही एक्सर्साइज है लेकिन ऐसा नहीं है। एक जगह पर शांति से बैठकर ब्रीदिंग करना भी एक बेहतरीन एक्सर्साइज है और अगर आप फिट और हेल्दी रहना चाहते हैं तो आपको रोजाना ब्रीदिंग एक्सर्साइज करनी चाहिए। ऐसी ही एक एक्सर्साइज है रिवर्स ब्रीदिंग जो सेहत के लिए कई तरह से फायदेमंद है और कई बीमारियों को दूर रखने में भी मदद करती है।

रिवर्स ब्रीदिंग के हैं कई फायदे
रिवर्स ब्रीदिंग नॉर्मल ब्रीदिंग से अलग है और इसलिए इसे ‘योगिक ब्रीदिंग’ भी कहा जाता है। सांस के दोनों प्रकारों में डायाफ्राम का उपयोग किया जाता है, लेकिन पेट की गति अलग होती है। रिवर्स ब्रीदिंग में सांस लेना और सांस छोड़ना दोनों के समन्वय में पेट के विपरीत मूवमेंट को शामिल किया जाता है। दिलचस्प बात ये है रिवर्स ब्रीदिंग का उपयोग लगभग हम सभी अनजाने में करते हैं, जैसे गुब्बारे में हवा भरने वक्त, भारी वस्तुओं को धक्का देते समय, जब घबराहट होती है या जब हमें डर लगता है उस वक्त। लेकिन रिवर्स ब्रीदिंग को हर दिन एक्सर्साइज के तौर पर करने के कितने फायदे हैं, यहां जानें।

रोग प्रतिरोधक क्षमता (इम्यूनिटी) होगी स्ट्रॉन्ग
ऐसा माना जाता है कि रिवर्स ब्रीदिंग टेक्नीक के जरिए शरीर में ज्यादा मात्रा में ऑक्सिजन पहुंचती है जिससे शरीर के अलग-अलग अंग बेहतर तरीके से कार्य कर पाते हैं। जब ज्यादा मात्रा में ऑक्सिजन हमारे टिशू और सेल्स तक पहुंचती है तो हमारा शरीर अंदर से स्ट्रॉन्ग बनता है और इम्यून सिस्टम भी मजबूत होता है। इस पूरी प्रक्रिया के जरिए हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस को शरीर से बाहर करने में मदद मिलती है।

ब्रीदिंग एक्सर्साइज: 10 मिनट में हो जाएं रिलैक्स
ब्रीदिंग एक्सर्साइज: 10 मिनट में हो जाएं रिलैक्सक्या आपको पता है हम अक्सर हल्की सांस ही लेते हैं और यह हमें जिंदा तो रख सकती है, लेकिन हमारी सेहत को उतना फायदा नहीं पहुंचा सकती, जितना पहुंचाना चाहिए।

पाचनतंत्र के लिए है फायदेमंद
रिवर्स ब्रीदिंग आपके पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद कर सकती है। जब आप सांस लेते हैं, तो आपकी पेरिनेम की मांसपेशियां (गुदा और प्यूबिस के बीच की मांसपेशियां) सिकुड़ जाती हैं और जब आप सांस छोड़ते हैं, तो ये मांसपेशियां शिथिल हो जाती हैं। साथ ही साथ आपके पेट की मांसपेशियों को बाहर और नीचे की ओर ले जाता है। ये एक्सर्साइज पूरी तरह से आपके पाचन तंत्र के लिए फायदेमंद है।

फेफड़ों के लिए है लाभकारी
फेफड़े में जितना संभव हो, उतना अधिक हवा भर लें। इसके बाद आपको रिवर्स ब्रीदिंग करनी है। इस ब्रीदिंग टेक्नीक में फेफड़ों तक ज्यादा हवा पहुंचती है जिससे फेफड़ों के कार्य करने की क्षमता बेहतर होती है। रिवर्स ब्रीदिंग के दौरान डायफ्राम पूरी तरह से फैल जाता है जिससे हवा भरने के लिए जगह बन जाती है। एथलीटों के लिए इस तरह से सांस लेना मददगार है, क्योंकि शरीर के बाकी हिस्सों को सहारा देने के लिए फेफड़ों को पर्याप्त ऊर्जा की जरूरत होती है।

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