शानदार! बिहार की अलंकृता साक्षी ने गूगल में 60 लाख रुपये का पैकेज किया हासिल, जानें उनकी सफलता की कहानी
नई दिल्ली: दुनिया की प्रमुख सॉफ्टवेयर कंपनी गूगल ने भागलपुर जिले के नवगछिया अनुमंडल कार्यालय के प्रधान लिपिक राजीव नयन चौधरी की बहू अलंकृता साक्षी को सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में नियुक्त किया है। अलंकृता साक्षी बिहार के भागलपुर जिले के सिमरा गांव की निवासी हैं और वर्तमान में झारखंड के कोडरमा में अपने परिवार के साथ रह रही हैं।
प्रारंभिक शिक्षा झारखंड से हुई
अलंकृता साक्षी की प्रारंभिक शिक्षा झारखंड के कोडरमा से हुई। उन्होंने कोडरमा से 10वीं की पढ़ाई पूरी की और जवाहर नवोदय विद्यालय कोडरमा से 12वीं की परीक्षा पास की। इसके बाद, उन्होंने हजारीबाग से बीटेक की पढ़ाई की। अलंकृता के पिता कोडरमा में एक प्राइवेट नौकरी करते हैं, जबकि उनकी मां रेखा मिश्रा एक निजी स्कूल में शिक्षिका हैं। उनके परिवार में एक भाई और दो बहनें भी हैं।
कैरियर की शुरुआत…
गूगल में शामिल होने से पहले, अलंकृता ने बेंगलुरु में विप्रो कंपनी में दो साल काम किया। इसके बाद, उन्होंने अर्न्स्ट एंड यंग और सैमसंग हार्मन में भी एक-एक साल का अनुभव प्राप्त किया। उनके इन अनुभवों के आधार पर उनका चयन गूगल में हुआ है।
सॉफ्टवेयर कंपनी में करते हैं काम
अलंकृता की शादी 8 दिसंबर 2023 को मनीष कुमार से हुई थी। मनीष भी बेंगलुरु में एक सॉफ्टवेयर कंपनी में काम करते हैं। अलंकृता साक्षी के ससुर राजीव नयन चौधरी भागलपुर जिले के शौल थाना क्षेत्र के पोठिया गांव के निवासी हैं और नवगछिया अनुमंडल कार्यालय में प्रधान लिपिक के पद पर कार्यरत हैं।
परिवार की खुशी और प्रेरणा
गूगल में चयन की खबर से अलंकृता और उनके परिवार में खुशी की लहर है। परिवार के सदस्य इस उपलब्धि को अत्यंत गर्व और खुशी का विषय मानते हैं। उनका कहना है कि यह अलंकृता के लिए ही नहीं, बल्कि सभी लड़कियों के लिए प्रेरणास्रोत है जो आत्मनिर्भर बनकर समाज और देश का नाम रोशन करना चाहती हैं। इस सफलतापूर्वक यात्रा और उपलब्धियों ने अलंकृता को एक नायाब उदाहरण बना दिया है कि कैसे मेहनत और लगन से किसी भी लक्ष को हासिल किया जा सकता है।