गरीबों-किसानों के जीवन में बदलाव लाना केन्द्र सरकार की पहली प्राथमिकताः नरेन्द्र सिंह तोमर
भोपाल : केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में कृषि के अधो-संरचनात्मक विकास पर निरंतर काम किया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को मुनाफे की खेती कर आत्म-निर्भर बनाने के लिए केन्द्र सरकार विभिन्न योजनाएं संचालित कर रही है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों की लगातार चिंता करते रहते हैं, इसीलिए उन्होंने किसान हितैषी कई कदम उठाते हुए कल्याणकारी योजनाएं प्रारंभ की हैं, जो छोटे किसानों के लिए लाभदायक है। देश के गरीबों और किसानों के जीवन स्तर में बदलाव लाना केंद्र सरकार की पहली प्राथमिकता है। इस दिशा में मोदी सरकार निरंतर काम कर रही है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
केन्द्रीय मंत्री तोमर शनिवार को विश्व मधुमक्खी दिवस पर बालाघाट में हुई राष्ट्रीय कार्यशाला को संबोधित कर रहे थे। विश्व मधुमक्खी दिवस पर मधु एक्स-पो का शुभारंभ किया गया। कार्यक्रम में आयुष एवं जल-संसाधन राज्यमंत्री रामकिशोर ‘नानो’ कावरे, मध्यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष गौरीशंकर बिसेन, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री एवं विधायक बृजमोहन अग्रवाल सहित जन-प्रतिनिधि और अधिकारी उपस्थित रहे।
केन्द्रीय कृषि मंत्री तोमर ने राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि किसानों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार मिलकर निरंतर कार्य कर रही है। किसानों को आत्म-निर्भर बनाने के लिए उनके उत्पाद की ग्रेडिंग, प्रोसेसिंग और पैकेजिंग द्वारा अधिक से अधिक लाभान्वित करने को 10 हजार एफपीओ बनाये जा रहे हैं। एफपीओ पर केन्द्र सरकार 6 हजार 865 करोड़ रुपये व्यय कर रही है। उन्होंने बालाघाट को विश्व मधुमक्खी दिवस पर राष्ट्रीय कार्यशाला के आयोजन के लिए बधाई दी।
उन्होंने कार्यक्रम में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की जमकर तारीफ की। कहा कि चौहान एक सामान्य गांव में पैदा हुए। गरीब परिवार का जीवन जिया। जिन्होंने करीब से गरीबी को देखा है। इसलिए उन्हें गांव, गरीब, किसान की पीड़ा का भान है। यही कारण है कि वे किसानों का दर्द जानते हैं और वह ऐसी योजनाओं का संचालन कर रहे हैं, जिससे किसानों को फायदा मिल रह है। वह इतने संवेदनशील हैं कि यदि किसानों की फसल पर ओले गिरते हैं, तो वह रात-रात भर सो नहीं पाते हैं कि ऐसी हालत में किसान की स्थिति क्या होगी। ऐसे मुख्यमंत्री कम ही देखने को मिलते हैं।
उन्होंने कहा कि मप्र सरकार किसान हितैषी है। मुख्यमंत्री किसानों का दर्द जानते हैं और प्रदेश के कृषि मंत्री किसान हैं, जो किसानों के हित में बनाई जाने वाली नीति में नजर आता है। जिस प्रदेश के कृषि मंत्री ही किसान हो, उस प्रदेश में किसानों को लाभ मिलना लाजिमी है। उन्होंने कहा कि पहले खेती में मप्र की गिनती नहीं होती थी, केवल हरियाणा, पंजाब का ही नाम आता है, लेकिन 15 सालों में भाजपा सरकार कृषि और कृषकों के लिए जो काम किया है, उसका परिणाम है कि आज पूरे देश में खेती में मध्यप्रदेश का नाम अग्रणी है।
मप्र के कृषि कमल पटेल ने कहा कि किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सरकार तत्पर होकर कार्य कर रही है। सरकार द्वारा ग्रीष्मकालीन मूंग, उड़द एवं सरसों की समर्थन मूल्य पर खरीदी के लिये पंजीयन कराया जा रहा है। इससे किसानों को सीधे लाभ मिलेगा। प्रदेश में सिंचाई क्षमता को 45 लाख हेक्टेयर से बढ़ाकर 65 लाख हेक्टेयर करने का लक्ष्य निर्धारित कर कार्य किया जा रहा है। किसानों के फसल बीमे की प्रीमियम राशि सरकार द्वारा भरी जा रही है।
केन्द्रीय मंत्री तोमर, कृषि मंत्री पटेल एवं अन्य अतिथियों ने बालाघाट के राजा भोज कृषि महाविद्यालय में 80 करोड़ रुपये की लागत से बने भवन, छात्रावास एवं ऑडिटोरियम हॉल का लोकार्पण किया। राजा भोज कृषि महाविद्यालय में बैलजोड़ी दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन हुआ। इसमें देश की 170 से अधिक बैलजोड़ियों ने भाग लिया। प्रतियोगिता के प्रथम पुरस्कार विजेता को 47 हॉर्स पॉवर, द्वितीय पुरस्कार विजेता को 42 हॉर्स पॉवर और तृतीय पुरस्कार विजेता को 32 हॉर्स पॉवर का ट्रेक्टर प्रदान किया गया। इसके अतिरिक्त 22 विजेता को मोटर-साइकिल प्रदान की गई।