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ब्रिटेनः वीजा के लिए कॉन्ट्रैक्ट मैरिज कर रहे भारतीय छात्र, 30 लाख रुपए वसूल रहे एजेंट्स

नई दिल्ली: ब्रिटेन में 1 जनवरी से पोस्ट ग्रेजुएट छात्र डिपेंडेंट्स (आश्रितों) को वीजा पर नहीं ला सकेंगे। पिछले छह महीने के दौरान शादीशुदा पीजी छात्रों की संख्या में वृद्धि हुई है। अभी ब्रिटेन में 62 हजार भारतीय पीजी स्टूडेंट्स हैं। पहले हर 10 में से बामुश्किल एक छात्र शादीशुदा होता था, लेकिन अब हर 10 में से 4 स्टूडेंट शादीशुदा है। इसका कारण डिपेंडेंट वीजा पाना है। कई छात्र कॉन्ट्रैक्ट मैरेज भी कर रहे हैं।

ब्रिटेन के एक ट्रैवल एजेंट रिंकू शर्मा ने बताया कि पंजाब के एक व्यक्ति ने यहां रहने वाली पीजी स्टूडेंट की पढ़ाई का खर्च उठाने के बदले डिपेंडेंट वीजा जारी कराया। ब्रिटेन में डिपेंडेंट वीजा पर आने का सबसे बड़ा आकर्षण यहां पर जॉब ऑफर पाना है। साथ ही पांच साल तक यहां पर रहने के बाद नागरिकता मिलने में आसानी होती है। ब्रिटेन के कई विश्वविद्यालयों में मास्टर्स के छात्रों की संख्या पिछले 6 महीने में ही दोगुनी हो गई है।

मांग को देखते हुए कई विश्वविद्यालयों ने सत्र से पहले नवंबर-दिसंबर में ही दाखिले के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू कर दी है। इनमें लंदन की बीपीपी, बर्मिंघम विश्वविद्यालय और बेडफॉर्डशायर सबसे आगे हैं। खास बात यह है कि ब्रिटेन में मास्टर्स एक साल का होता है, और यहां डिपेंडेंट को भी काम करने का अधिकार है। जबकि अमेरिका में यह दो साल का है और आश्रितों काम करने का अधिकार नहीं है।

वीजा एजेंसी जल्द अप्लाई करने पर ऑफर भी दे रहीं
भारत से डिपेंडेंट वीजा पर आने की लालस को देखते हुए कई वीजा एजेंसियां जल्द अप्लाई करने पर ऑफर भी दे रही हैं। अभी एजेंट्स हर एप्लीकेशन पर 30 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं। ओम वीजा एजेंसी के राहिल भाटिया ने बताया कि उन्हें रोज 30 से 40 एप्लीकेशन मिल रही हैं। इनमें से एक तिहाई डिपेंडेंट वीजा की हैं।

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