यूक्रेन युद्ध में जान गंवाने वाले भारतीय के भाई ने लगाई न्याय की गुहार
हैदराबाद : यूक्रेन युद्ध में जान गंवाने वाले एक भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान के भाई ने केंद्र सरकार से न्याय की गुहार लगाई। उन्होंने सरकार से शव को वापस देश लाने के लिए मदद मांगी। असफान के भाई मोहम्मद इमरान ने यह भी मांग की कि असफान को फंसाने में शामिल एजेंट को गिरफ्तार किया जाना चाहिए।
इमरान ने कहा कि दूतावास उनके भाई की मौत का सबूत नहीं दे रहा है। उन्होंने कहा, “अगर यह सच है तो हम उनके (मोहम्मद असफान) शव की वापसी के लिए मदद चाहते हैं। उन्होंने (दूतावास) मुझे बताया कि असफान की मौत हो चुकी है।”
उन्होंने कहा, “रूस में मेरे संपर्क में रहने वाले एजेंट कह रहे हैं कि असफान जिंदा हैं और यूक्रेन के मारिंका इलाके में हैं। लेकिन दूतावास कह रहा है कि उनकी मौत हो चुकी है।” इमरान ने बताया कि रूस में उनके भाई के एक दोस्त ने उन्हें बताया कि असफान को गोली लगी है।
उन्होंने कहा, “हमें 23 जनवरी को उन पर चोट लगने की खबर मिली। उनके एक दोस्त अरबाब हुसैन ने मुझे वॉयस मैसेज के जरिए गोली लगने से घायल की सूचना दी। मुझे उनकी मौत की खबर पर शक है। हम केवल दूतावास पर भरोसा कर सकते हैं, एजेंट पर नहीं। लेकिन एजेंट कह रहे हैं कि वह जिंदा हैं। अगर यह सच है तो हम न्याय चाहते हैं।”
उन्होंने यह भी दावा किया कि पूरे देश से दो जत्थों को रूस भेजा गया था। इससे पहले बुधवार को विदेश मंत्रालय ने कहा कि वे असफान के परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं और उनके शव को भारत लाने का प्रयास कर रहे हैं।
मृतक के भाई इमरान का कहना है कि उसके परिवार ने असफान को बचाने के लिए असदुद्दीन ओवैसी से मदद मांगी थी। ओवैसी ने मॉस्को में भारतीय दूतावास से संपर्क किया था। इसके बाद ओवैसी ने केंद्र सरकार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री एस. जयशंकर से हैदराबाद के युवाओं को सुरक्षित भारत वापस लाने के लिए रूसी सरकार से बातचीत करने का अनुरोध किया था।
मॉस्को स्थित भारतीय दूतावास ने एक्स पर कहा, “हमें भारतीय नागरिक मोहम्मद असफान की दुखद मौत के बारे में पता चला। हम उनके परिवार और रूसी अधिकारियों के संपर्क में हैं। दूतावास उनके शव को भारत भेजने का प्रयास करेगा।”
इससे पहले विदेश मंत्रालय ने भारतीय नागरिकों से यूक्रेन में चल रहे संघर्ष से दूर रहने का आग्रह किया था। खबरें सामने आईं थीं कि भारतीय नागरिक रूसी सेना में भर्ती किए जा रहे हैं। मंत्रालय ने कहा था कि भारतीय दूतावास उन्हें वापस लाने के लिए इस मुद्दे को रूसी अधिकारियों के सामने उठा रहा है।