उत्तर प्रदेशराज्य

जेल से छूटते ही जाग उठी हैवानियत, मां के पास सो रही मासूम को अगवा कर रेप; रोने पर पटककर मार डाला

गोरखपुर : जिस दिन जेल से छूटा उसी दिन इस दरिंदे की हैवानियत जाग उठी। गोरखपुर के चिलुआताल क्षेत्र में इसने अपने ही गांव की तीन साल की एक बच्‍ची के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं। इसने मां के पास सो रही बच्‍ची को अगवा कर लिया। ऐसा करते वक्‍त बच्‍ची रोने लगी तो पैर पकड़ कर सिर के बल पटक दिया फिर उसके साथ रेप किया। तब तक बच्ची की मौत हो चुकी थी। घटना वाले दिन ही वहशी एक करीबी मासूम से रेप के मामले में 30 महीने बाद जेल से जमानत पर छूट कर घर आया था।

एसएसपी डॉ. गौरव ग्रोवर और एसपी नार्थ मनोज कुमार अवस्थी ने बुधवार को प्रेस कांफ्रेंस में दरिंदे की गिरफ्तारी की जानकारी दी। दोनों अफसरों ने बताया कि पांच अगस्त की रात में अपनी मां के साथ घर के दरवाजे पर सो रही बच्ची का अपहरण हुआ था। सात अगस्त को बच्ची की लाश घर से थोड़ी दूरी पर सात फीट ऊंची एक बाउंड्री में मिली थी। रिश्ते की नौ साल की एक बच्ची से रेप के मामले में ढाई साल तक जेल में रहने के बाद छूटते ही मिथलेश के भीतर का दरिंदा फिर जाग उठा। पिता ने इस उम्मीद में जमानत कराई कि शायद वह सुधर गया है, लेकिन पांच अगस्त को जेल से छूटकर गांव पहुंचते ही उसने एक और मासूम को शिकार बना लिया। मां के पास सो रही तीन साल की बच्ची को आधी रात में अगवा कर लिया। उसके साथ हैवानियत की सारी हदें पार करते हुए लाश एक चहारदीवारी के भीतर फेंककर फरार हो गया।

मासूम को बेरहमी से मारता रहा पुलिस के मुताबिक पांच अगस्त को जेल की सलाखों से बाहर आने के बाद मिथलेश ने पहले जमकर शराब पी। घर पर भाई से कहासुनी हुई तो रात के करीब 11 बजे वह निकल गया। इसके बाद मां के पास सो रही तीन साल की बच्ची को उठा लिया। गहरी नींद में सो रही बच्ची को कंधे पर लेकर कुछ दूर पहुंचा। उसने रेप का प्रयास किया तो बच्ची जागी और चीख उठी। इस पर दरिंदे ने उसके पैर पकड़कर सिर के बल जमीन पर पटक दिया। रात के सन्नाटे में बच्ची की चीखें सुनकर गांव लोग न पहुंच जाएं इसलिए मासूम को बेरहमी से मारता रहा। कुछ ही पल में बच्ची पूरी तरह से शांत हो गई, वह अचेत थी या शायद मर चुकी थी। इसके बाद मिथलेश उसके साथ दुष्कर्म किया। जब उसे लगा कि बच्ची मर चुकी है तो उसे सात फीट ऊंची बाउंड्रीवाल के भीतर फेंककर फरार हो गया।

पुलिस मामले की जांच में जुटी थी। इसी बीच मिथलेश की भाभी ने बीट पुलिस अधिकारी को बताया कि रेप का आरोपित मिथलेश जो कि बच्चियों पर बुरी नजर रखता है वह जेल से छूटने के बाद से ही लापता है। उधर, घटना के बाद मिथलेश राजघाट इलाके में अपनी बहन के घर जाकर छिप गया था। पुलिस ने जब उसे गिरफ्तार किया तब उसने बच्ची का कपड़ा बरामद कराया।

मिथलेश की करतूत बताते-बताते पुलिस अफसरों का भी खून खौल उठा। अफसरों ने कहा कि उसे जितनी ज्यादा सजा मिले कम है। पूरी कोशिश होगी कि वह अब जेल से बाहर न निकल सके। मिथलेश ने पछतावे का दावा करते हुए कहा कि वह मजदूरी करता था और नशे में बहक गया था। सूत्रों के मुताबिक दुष्कर्मी ने खुद को बचाने के लिए अपने हिस्से की जमीन तक बच्ची की मां को देने की बात कह दी। एसएसपी डा. गौरव ग्रोवर ने कहा कि 24 घंटे में चार्जशीट दाखिल कर फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल कराकर उसे सजा दिलाई जाएगी।

एसएसपी ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि मिथलेश ढाई साल बाद पांच अगस्त को ही जेल से छूटा और छह अगस्त की सुबह से उसे किसी ने नहीं देखा। पुलिस ने तलाश शुरू की तब पता चला कि वह राजघाट इलाके में अपनी बहन के यहां चला गया था। इसके बाद पुलिस ने उसे दबोच लिया। पूछताछ में उसने हैवानियत बयां कर दी। पुलिस ने उसे हत्या, दुष्कर्म, शव छिपाने और पाक्सो एक्ट की धारा में कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। एसएसपी ने कहा कि आरोपित पर एनएसए की भी कार्रवाई होगी।

एसएसपी ने बताया कि बच्ची की मां का अपने पति के साथ ही मामा-मामी से भी पारिवारिक विवाद था। लिहाजा इस घटना को शुरुआत में परिवारिक विवाद से ही जोड़कर देखा जा रहा था। लेकिन डॉक्टरों के पैनल से पोस्टमार्टम कराने पर पता चला कि सिर पर चोट लगने से उसकी मौत हुई, लेकिन अंदरुनी अंगों में भी चोट है। दुष्कर्म की तरफ घटना मुड़ी तो अन्य पहलू पर भी जांच शुरू हुई। जिन पर संदेह था, उन सभी की लोकेशन जांची गयी। महिला के पति की लोकेशन उसके अपने गांव में थी वहीं प्रेमी की लोकेशन बेंगलुरु में ही मिली। मामा-मामी भी घर पर ही थे।

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