New Delhi: नकली नोटों पर लगाम कसने के लिए भारत सरकार ने 2016 के नवंबर में पुरानी करेंसी बंद कर नई करेंसी जारी की थी, और कहीं हद तक भारत अपने इस मकसद में कामयाब भी हुआ।
पहले भारत को अंदेशा था कि नकली नोटों का काला धंधा पाकिस्तान में भारतीय करेंसी छापी जाती है, लेकिन पाक के बाद अब बांग्लादेश का नाम भी भारतीय करेंसी की नकली नोटों की छपाई का मामला सामने आ रहा है।
बता दें कि साल नवंबर 2016 में मोदी सरकार ने भ्रष्टाचार, काले धन और नकली नोटों के काले धंधे को खत्म करने के लिए नई भारतीय करेंसी जारी की थी, जिसके फलस्वरूप केंद्र सरकार को कुछ हद तक फायदा भी हुआ। इसका अच्छा उदाहरण कश्मीर में देखने को मिला, क्योंकि कश्मीर में पत्थरबजों को पाकिस्तान पैसे दे रहा था जिस पर लगाम कसना सरकार की प्राथमिकता थी। भारत में पुराने नोट बंद होते ही पाकिस्तान से भारत आने वाले नकली नोटों में भारी कमी आई है।
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हिंदुस्तान टाइम्स में छपी एक खबर के अनुसार, सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने बांग्लादेश की सीमा से जिन नकली नोटों को जब्त किया है वे इस ओर इशारा कर रहे हैं कि पाक के बाद नकली नोटों के कारोबार में बांग्लादेश भी शामिल है। हाल ही में BSF ने बांग्लादेश की सीमा से सटे मालदा (वेस्ट बंगाल) से 6.90 लाख रुपए के नकली नोट बरामद किए हैं और ये सभी नोट 2000 रुपए के हैं। नकली नोटों का कारोबार करने वाले बांग्लादेशी इतने सक्रिय हो चुके हैं कि 2000 के नकली नोट छापने के लिए सऊदी अरब और मलेशिया से उपयुक्त कागज मंगवाना भी शुरू कर दिया है।
ख़बरों की मानें तो जनवरी में भी इन क्षेत्रों में BSF 1 लाख रुपए मूल्य के नकली नोट जब्त किये थे। गौरतलब है कि असम और पश्चिम बंगाल में बांग्लादेश से लगते नकली भारतीय नोटों की बरामदगी बढ़ी है।