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Budget 2017:प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को मिल सकता है बूस्टर डोज

गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों की महिलाओं के नाम नि:शुल्क गैस कनेक्शन उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना को इस बार बजट में बूस्टर डोज मिल सकता है। पिछले साल के बजट में इस योजना के लिए 2,500 करोड़ रुपये आवंटित किये गए थे।इस योजना से जुड़े एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि चालू वर्ष के दौरान इसके तहत डेढ़ करोड़ कनेक्शन देने का लक्ष्य था। मगर इसकी लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बीते सप्ताह तक ही 1.66 करोड़ कनेक्शन उपलब्ध कराये जा चुके हैं। तभी तो इसकी प्रगति से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बेहद खुश हैं। इसलिए माना जा रहा है कि अगले साल के बजट में इसके लिए तीन हजार करोड़ रुपये आवंटित किये जा सकते हैं।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की घोषणा वर्ष 2016-17 के बजट में हुई थी। हालांकि इस पर काम तो काफी पहले शुरू हो गया था, पर इसकी औपचारिक शुरुआत बीते एक मई को प्रधानमंत्री ने उत्तर प्रदेश के बलिया से की थी। मंत्रालय के एक सरकारी अधिकारी का कहना है कि इतनी कम अवधि में उज्ज्वला योजना के तहत डेढ़ करोड़ से ज्यादा कनेक्शन उपलब्ध कराए जाने के पीछे पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान द्वारा योजना को लागू करने वाले निचले कर्मचारी से भी संवाद करना है। बताया जाता है कि प्रधान खुद ही डिस्ट्रिक नोडल अधिकारी (डीएनओ) से भी फोन पर प्रगति का जायजा लेते रहते हैं। 

दुनिया भर में हो रही तारीफ 

गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में स्थान पाने वाली इस योजना की दुनिया भर में तारीफ हो रही है। यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बार्कले के ग्लोबल इन्वायरमेंटल हेल्थ विभाग में प्रोफेसर डॉ. किर्क आर स्मिथ ने कहा है कि गरीबी रेखा के नीचे गुजर बसर करने वाले परिवारों को केंद्र सरकार की तरफ से नि:शुल्क रसोई गैस (एलपीजी) कनेक्शन उपलब्ध कराने की प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना इन परिवारों के लोगों के स्वास्थ्य एवं जीवन स्तर को ऊपर उठाने में ऐतिहासिक साबित होगी।

उनके मुताबिक, जिन परिवारों को लक्ष्य कर यह योजना शुरू की गई है, वह परिवार आज भी गोबर के उपले और लकड़ी जलाकर खाना बनाते हैं। ऐसे परिवारों की संख्या करीब 70 करोड़ है, जो आज भी पारंपरिक चूल्हे में खाना बनाने को मजबूर हैं।

अध्ययन बताता है कि भारत में खाना पकाने के दौरान धुआं लगने की वजह से साल में 9 लाख से भी अधिक महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। इन घरों में यदि एलपीजी जैसे सुरक्षित ईंधन से खाना बनाया जाए तो इन मौतों को टाला जा सकता है। जहां तक लकड़ी-उपले पर भोजन बनाने से होने वाली बीमारियों का संबंध है, इससे पांच तरह की बीमारियां होती हैं, जिनसे जान जाने का काफी खतरा होता है। 

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