बजट 2024 : रियायतें बढ़ाकर एनपीएस को और अधिक आकर्षक बना सकती है केन्द्र सरकार
नई दिल्ली : केंद्र सरकार 75 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए योगदान एवं निकासी पर कर रियायतें बढ़ाकर राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) को और अधिक आकर्षक बना सकती है। पेंशन फंड नियामक एवं विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) ने नियोक्ताओं के योगदान के लिए कर के मोर्चे पर कर्मचारी भविष्य निधि कार्यालय (ईपीएफओ) के साथ समानता की मांग की है। इस संबंध में कुछ घोषणाएं अंतरिम बजट में किए जाने की उम्मीद है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण एक फरवरी को अंतरिम बजट पेश करेंगी। यह उनका छठा बजट होगा। वर्तमान में एनपीएस में नियोक्ताओं के योगदान को लेकर असमानता है। एनपीएस में कॉरपोरेट के मूल वेतन और महंगाई भत्ते के 10 फीसदी तक के योगदान को कर से छूट दी गई है। ईपीएफओ के मामले में यह 12 फीसदी है।
डेलॉय का कहना है कि एनपीएस के जरिये दीर्घकालिक बचत को बढ़ावा देने के लिए इसे ब्याज व पेंशन के साथ शामिल किया जा सकता है। साथ ही, कर बोझ कम करने के लिहाज से एनपीएस के सालाना हिस्से को 75 वर्ष की आयु से धारकों के लिए करमुक्त किया जाना चाहिए। नई कर व्यवस्था में एनपीएस योगदान पर कर छूट देने की भी मांग उठ रही है। अभी आयकर कानून की धारा-80सीसीडी(1बी) के तहत एनपीएस में 50,000 रुपये तक के योगदान पर पुरानी व्यवस्था में छूट मिलती है। नई कर व्यवस्था में यह प्रावधान नहीं है।
भारतीय उद्योग जगत को भरोसा है कि बुनियादी ढांचे में केंद्र के निवेश पर जोर देने, उन्नत प्रौद्योगिकी अपनाने और अतिरिक्त सुधारों के दम पर भारत पांच लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनने का लक्ष्य जरूर हासिल करेगा। डेलॉय टच तोहमात्सु इंडिया एलएलपी के सीएक्सओ सर्वे के मुताबिक, उद्योग जगत को अगले वित्त वर्ष में मजबूत आर्थिक वृद्धि की उम्मीद है। 50 फीसदी कारोबारियों का मानना है कि 2024-25 के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था 6.5 फीसदी से अधिक की रफ्तार से आगे बढ़ेगी। सर्वे में कहा गया है कि उद्योगों के लिहाज से 2024-25 के दौरान कंज्यूमर एवं खुदरा क्षेत्र की वृद्धि दर सबसे अधिक 66 फीसदी रहने की उम्मीद है। देश का वाहन क्षेत्र 50 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ सकता है। तकनीक-दूरसंचार में 47 फीसदी और ऊर्जा संसाधन क्षेत्र में 44 फीसदी की दर से वृदि्ध की उम्मीद जताई गई है।