नई दिल्ली : दिल्ली में संपत्ति की खरीद फरोख्त आज यानि एक जुलाई से महंगी हो जाएगी। दिल्ली सरकार ने बीते एक साल से भी ज्यादा समय से सर्किल रेट पर दे रही 20 फीसदी की छूट वापस ले ली है। सरकार ने 30 जून तक के लिए छूट दी थी, जिसे अब आगे नहीं बढ़ाया है। अब एक जुलाई से दिल्ली में संपत्ति खरीद-फरोख्त के बाद पंजीकरण कराते हुए पुराने सर्किल रेट पर ही स्टांप शुल्क देना होगा। राजस्व विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक सर्किल रेट पर दी जा रही छूट आगे नहीं बढ़ाई गई है। अब पुराने सर्किल रेट पर ही खरीद फरोख्त होगा। यह छूट तीनों तरह की आवासीय, व्यवसायिक व औद्योगिक संपत्तियों पर दी गई थी। सरकार ने सर्किल रेट नहीं बढ़ाने का फैसला एक दिन में नहीं लिया है। सरकार ने राजस्व विभाग के अधिकारियों से संपत्ति की खरीद फरोख्त को लेकर पूरा आकलन करने के बाद यह फैसला किया है।
सूत्रों की मानें तो सरकार ने पाया है कि अब स्थितियां सामान्य हो रही है। अर्थव्यवस्था भी पटरी पर लौट आई है तो छूट की जरूरत नहीं है। दरअसल दिल्ली सरकार ने पहली बार कोविड महामारी के चलते सुस्त अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने और संपत्ति बाजार को आगे बढ़ाने के लिए 1 अप्रैल 2021 से 30 सितंबर 2021 तक सर्किल रेट में 20 फीसदी छूट की घोषणा की थी।
यह छूट सभी संपत्ति श्रेणी यानि आवासीय, वाणिज्यिक और औद्योगिक तीनों वर्गों में दी गई थी। उसे फिर 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दिया गया था। राहत जारी रखने के लिए जनवरी 2022 से फिर दूसरी बार 30 जून 2022 तक के लिए इसे बढ़ाया था। कोविड के दौरान इस छूट का फायदा भी सरकार व लोगों को मिला था। सरकार ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में संपत्ति पंजीकरण से 3552 हजार करोड़ का राजस्व कमाया था, वह अगले साल छूट देने के बाद 4997 हजार करोड़ हो गया। छूट का असर रहा कि कोविड की तीसरी लहर आने के बाद वित्तीय वर्ष 2021-22 में सरकार का संपत्ति पंजीकरण से राजस्व करीब पांच हजार करोड़ तक बढ़ गया। अधिकारियों की माने तो इस छूट से पिछले वित्तीय वर्ष 2021-22 में 2020-21 की तुलना में संपत्ति पंजीकरण 15 फीसदी से अधिक बढ़ गया। सरकार ने मौजूदा वित्तीय वर्ष 2022-23 में संपत्ति पंजीकरण से 4997 करोड़ रूपये के राजस्व का अनुमान लगाया है। 20 फीसदी छूट खत्म होने के बाद ये होगी पुराने सर्किल रेट की ये दरें लागू होगी।