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2028 तक ई-खुदरा मार्केट हो जायेगा ढाई गुना, घर-बैठे ऑर्डर करेंगे हर सामान

देहरादून (गौरव ममगाईं)। मोदी सरकार में भारत तेजी से डिजिटलीकरण की ओर बढ़ रहा है। ई-भुगतान के साथ ही ई-कॉमर्स का तेजी से प्रचलन बढ़ा है। आज सामान्य व्यक्ति भी रसोई व रोजमर्रा की आवश्यक वस्तुओं की ऑनलाइन खरीदारी कर रहे हैं। यही कारण है कि वर्ष 2023 में भारत में ई-खुदरा मार्केट करीब 60 अरब डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। हैरत की बात ये है कि इसमें वर्ष 2028 तक ढाई गुना की अप्रत्याशित वृध्दि हो सकती है, जिससे यह मार्केट 160 अरब डॉलर तक पहुंच जायेगा।  

  मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, बेन एंड कंपनी ने फ्लिटकार्ट के साथ मिलकर एक रिसर्च किया है, जिसमें पाया कि भारत में ई-खुदरा के बाजार में प्रतिवर्ष 8 से 12 अरब डॉलर की लगातार वृध्दि दर्ज की गई है, हर वर्ष मार्केट में वृध्दि में बड़ा उछाल देखा गया है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में डिजिटल साक्षरता दर तेजी से बढ़ रही है। जो लोग पहले मोबाइल चलाना नहीं जानते थे, वे भी आज इंटरनेट का उपयोग कर रहे हैं। यही नहीं, वे ऑनलाइन शॉपिंग भी करने लगे हैं।

 भारत में ऑनलाइन शॉपिंग का प्रचलन बढ़ने के कारण अब ई-कॉमर्स कंपनियां खुदरा बाजार में तेजी से निवेश बढ़ाने लगी हैं। वर्तमान में अमेजन, फ्लिपकार्ट व रिलायंस जैसी बड़ी कंपनियों ने खुदरा बाजार में बड़ा निवेश किया है। ये कंपनियां छोटी से छोटी वस्तु की ऑनलाइन शॉपिंग का विकल्प उपलब्ध करा रही हैं, जिससे लोग समय की कमी के कारण बाजार जाने के झंझट से बचना उचित समझ रहे हैं। वहीं, ये कंपनियां उत्पाद की क्वालिटी व रेट के मामले में भी फायदेमंद लग रही हैं। इस कारण आने वाले दिनों में भारत में ई-खुदरा मार्केट का बहुत तेजी से विस्तार होने की संभावना है। भारत में गिग वर्कर की संख्या में हो रही वृध्दि का कारण भी ई-कॉमर्स का विस्तार होना है।

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