यूक्रेन में फंसे भारतीयों को निकालने रोमानिया जाएगा वायुसेना का C-17 ग्लोबमास्टर
नई दिल्ली । भारत (India) ने यूक्रेन (Ukraine) में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए वायुसेना (Air Force) को लगा दिया है। ऑपरेशन गंगा (Operation Ganga) के तहत वायुसेना का मालवाहक विमान सी-17 ग्लोबमास्टर (Aircraft C-17 Globemaster) आज रोमानिया के लिए रवाना होगा। विमान एयर फोर्स के हिंडन एयरबेस से उड़ान भरेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को एक बैठक के दौरान पूर्वी यूरोपीय देश में फंसे भारतीयों को वहां से सुरक्षित निकालने के लिए वायुसेना को मोर्चे पर जुटने को कहा था।
24 फरवरी को रूस द्वारा हमला करने के बाद यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद होने के कारण भारत वहां फंसे अपने नागरिकों को रोमानिया, हंगरी, पोलैंड और स्लोवाकिया से लगी उसकी (यू्क्रेन की) सीमा चौकियों के जरिए वहां से बाहर निकाल रहा है। एक दिन पहले भारतीय वायुसेना ने एक बयान मे कहा था कि यूक्रेन से भारतीयों की किसी भी तरीके से सुरक्षित निकासी के लिए वह तैयार है।
सी-17 विमानों का इस्तेमाल राहत कार्यों के दौरान एक जगह से दूसरी जगह ले जाने में इस्तेमाल किया जाता है। करीब 300 लोग इसमें सवार हो सकते हैं। यूक्रेन से भारतीयों को वापस लाने के लिए सरकार की ओर से ‘ऑपरेशन गंगा’ चलाया जा रहा है। संकट के मद्देनजर लोगों को निकालने के साथ-साथ, भारतीय वायुसेना के विमान मानवीय सहायता संबंधी सामान पहुंचाने के लिए भी काम करेंगे।
विदेश सचिव हर्षवर्द्धन श्रृंगला ने मंगलवार को दावा किया कि सभी भारतीय नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है। इसके पहले यूक्रेन में भारतीय दूतावास ने आज छात्रों सहित सभी भारतीयों को उपलब्ध ट्रेन या किसी अन्य माध्यम से तत्काल कीव छोड़ने का सुझाव दिया था। विदेश सचिव ने कहा, ‘यूक्रेन में खारकीव, सूमी और अन्य संघर्ष क्षेत्रों की स्थिति को लेकर हम बहुत चिंतित हैं।’ उन्होंने बताया कि अगले तीन दिनों में, भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए 26 उड़ानें निर्धारित की गई हैं।
उन्होंने कहा कि हमारी सूचना के मुताबिक, हमारे सभी नागरिकों ने कीव छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि रूस एवं यूक्रेन के राजदूतों को भारत की उस मांग से अवगत करा दिया है कि खारकीव एवं संघर्ष वाले अन्य क्षेत्रों में फंसे भारतीयों को ‘तत्काल सुरक्षित रास्ता’ मुहैया कराया जाए। श्रृंगला ने कहा कि बुखारेस्ट और बुडापेस्ट के अलावा, पोलैंड और स्लोवाक गणराज्य के हवाई अड्डों का भी उपयोग निकासी उड़ानों के संचालन के लिए किया जाएगा।