अपराधटॉप न्यूज़दिल्लीराज्य

CAA विरोध में जादवपुर यूनिवर्सिटी के विदेशी छात्र को मिला भारत छोड़ने का आदेश

कोलकाता के जादवनपुर विश्विविद्यालय में पढ़ने वाले एक पोलिश छात्र को विदेशी क्षेत्रीय पंजीकरण कार्यालय (एफआरआरओ) ने नोटिस भेजा है। छात्र विश्विविद्यालय में कॉम्पैरेटिव लिटरेचर की पढ़ाई कर रहा था। जानकारी के अनुसार उसे देश छोड़कर जाने के लिए कहा गया है। एफआरआरओ केंद्रीय गृह मंत्रालय के अंतर्गत आता है। छात्र का नाम कामिल सिदसिंस्की है। उसने इस मामले में मीडिया से बात करने से मना कर दिया है। विश्वविद्यालय के छात्रों का कहना है कि उसे नोटिस इसलिए मिला है क्योंकि उसने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ रैली में हिस्सा लिया था। यह घटना ऐसे समय पर सामने आई है जब विश्व भारती विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले बांग्लादेशी छात्र को सरकार विरोधी गतिविधियों में हिस्सा लेने की वजह से एफआरआरओ ने भारत छोड़ने को नोटिस दिया है। छात्र का नाम मीम है।

मीम और कामिल को 15 दिनों के अंदर देश छोड़ने के लिए कहा गया है। जादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य के प्रोफेसर, सादतन दासगुप्ता ने कहा, ‘कामिल जैसे बुद्धिमान छात्र का अपने पाठ्यक्रम को बीच में छोड़कर जाना दुर्भाग्यपूर्ण है। बंगाली साहित्य के छात्र को हुए नुकसान पर मुझे गहरा अफसोस है जो इस भाषा और इस राज्य से प्यार करता था।’

कामिल के दोस्तों का कहना है कि वह पोलैंड के छोटे से शहर से ताल्लुक रखता है जिसकी सीमा जर्मनी से लगती है। वह बंगाली भाषा को लेकर अपनी जिज्ञासा के चलते पहले विश्व भारती आया था। बाद में वह जादवपुर विश्वविद्यालय में तुलनात्मक साहित्य पाठ्यक्रम में शामिल हो गया। यहां भाषा की पढ़ाई करते हुए उसने पोलिश कविताओं और गद्य का बांग्ला में अनुवाद करना शुरू कर दिया था। जिसमें से ज्यादातर जादवपुर विश्वविद्यालय प्रेस से प्रकाशित हुई हैं।

वहीं इससे पहले जर्मनी के छात्र जैकब लिंडेथल जो ड्रेसडेन के रहने वाले थे उन्हें सीएए विरोधी रैली में हिस्सा लेने की वजह से देश छोड़कर जाने का आदेश दिया गया था। उन्होंने पिछले साल अगस्त में एक्सजेंच प्रोग्राम के तहत एमएस प्रोग्राम में दाखिला लिया था। उन्होंने बताया कि आव्रजन अधिकारियों ने उन्हें नागरिकता कानून के विरोध में प्रदर्शन में हिस्सा लेने की वजह से खरी-खोटी सुनाई और देश छोड़कर जाने को कहा।

Related Articles

Back to top button