CAB: दरियागंज हिंसा मामले में भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर गिरफ्तार, भेजा जायेगा तिहाड़ जेल
नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में शुक्रवार को दिल्ली के दरियागंज इलाके में हुए हिंसक प्रदर्शन को लेकर भीम आर्मी के मुखिया को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। मिली जानकारी के मुताबिक, दरियागंज में शनिवार शाम को प्रदर्शन के दौरान हुई आगजनी और हिंसक उपद्रव के मामले में क्राइम ब्रांच ने भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर को गिरफ्तार किया है। बता दें कि शनिवार को प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा मामले में अब तक कुल 16 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। गिरफ्तार सभी आरोपितों के खिलाफ आईपीसी की धारा 186, 353, 332, 147, 148, 149, 160, और 353 बी के तहत मामला दर्ज किया गया है।
चंद्रशेखर की आसानी से नहीं होगी जमानत
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, चंद्रशेखर के खिलाफ पहली बार दिल्ली पुलिस ने गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार किया गया है। अब इसे लंबे समय तक तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा।
यूपी से दिल्ली नहीं आने की मिली थी चेतावनी
बताया जा रहा है कि दिल्ली पुलिस चंद्रशेखर दिल्ली नहीं आने की चेतावनी दी थी, लेकिन यह नहीं मान रहे थे। अगस्त में रविदास मंदिर तोड़ने के मामले में इन्होंने दक्षिण दिल्ली में दंगे कराया था। पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार करने के बाद जेल भेज दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने जब कहा की मदिर वहीं बनता जाय और जितने लोग गिरफ्तार किए गए थे उनके खिलाफ मुकदमे वापस लेकर सभी को छोड़ दिया जाए । तब एक महीना पहले चन्द्र शेखर की जेल से रिहा कर दिया गया था।
प्रदर्शनकारियों ने कार फूंकी, पथराव, 45 घायल
इससे पहले नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में दिल्ली गेट पर किया जा रहा प्रदर्शन शुक्रवार शाम होते-होते हिंसक हो गया। शाम चार बजे नमाज के बाद सकारात्मक भूमिका निभाते हुए दिल्ली गेट स्थित नबी बख्श मस्जिद से शांति की अपील कर लोगों से प्रदर्शन खत्म करके घर जाने को कहा गया।
साढ़े पांच बजे तक ज्यादातर लोग घटना स्थल से जा भी चुके थे। लेकिन शाम छह बजे प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया और दरियागंज थाने के सामने खड़ी पुलिस की एक कार में आग लगा दी। इस दौरान कुछ मोटरसाइकिल को भी क्षतिग्रस्त किया गया। इसके जवाब में सुरक्षा बलों ने प्रदर्शनकारियों पर वाटर कैनन से पानी की बौछार कर खदेड़ा, लेकिन पथराव होने लाठीचार्ज करना पड़ा। इस बीच 45 लोग जख्मी हो गए। इसमें ज्वाइंट सीपी राजेश खुराना सहित 13 पुलिस कर्मी शामिल हैं। सभी को लोक नायक अस्पताल में भर्ती कराया गया। दिल्ली पुलिस के प्रवक्ता मंजीत सिंह रंधावा ने बताया कि पुलिस ने इस घटना में 40 आरोपितों को हिरासत में लिया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। बताया जा रहा है कि सभी आरोपित यमुनापार के रहने वाले हैं। उन्होंने भीड़ का हिस्सा बन कर शांत माहौल को बिगाड़ा।
शुक्रवार को मुस्लिम संगठनों ने दोपहर की नमाज के बाद जामा मस्जिद इलाके से जंतर-मंतर तक मार्च किए जाने का आह्वान किया था। इसके तहत दिल्ली पुलिस और सुरक्षा एजेंसियां सतर्क थी। प्रदर्शन को देखते हुए पूरे दिन इलाके में धारा 144 लगाई गई थी। जामा मस्जिद इलाके में जहां भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। वहीं, मार्च जंतर-मंतर तक न पहुंचे इसके लिए दिल्ली गेट पर बैरिके¨डग कर दी गई थी। जुमे की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन शुरू होते ही नेताजी सुभाष मार्ग स्थित सभी दुकानों, होटलों को बंद कर दिया गया था। देखते देखते ही पूरा इलाके में प्रदर्शन शुरू हो गया था। दोपहर करीब 1.30 बजे प्रदर्शनकारी जामा मस्जिद से जंतर-मंतर के लिए रवाना हुए। लेकिन पुलिस ने सर्तकता बरते हुए उन्हें दिल्ली गेट पर रोक लिया।
यहां पर जमे हजारों की संख्या में प्रदर्शनकारी हाथों में तिरंगा झंडा लिए नागरिकता संशोधन कानून वापस लो, तानाशाही नहीं चलेगी के नारे लगा रहे थे। उन्होंने रिजेक्ट सीएए और एनआरसी, जान देने को तैयार, लेकिन नहीं लागू होने देंगे कानून इत्यादि लिखे नारों की तख्तियां ले रखी थीं। दोपहर बाद तक प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से चल रहा था। लेकिन शाम को हिंसा भड़क गई। देर रात तक सड़कों पर स्थिति असामान्य थी। इस बीच पथराव, आगजनी भी की गई। इसके चलते माहौल आसामान्य हो गया था।